न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर बोले कानून मंत्री

देश - केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर बड़ा बयान दिया है- उन्होंने कहा मोदी सरकार ने न्यायपालिका को कमजोर नही किया है. प्रत्येक संस्थान की एक लक्ष्मण रेखा होती है या उसे संविधान द्वारा बनाए नियमों के आधार पर काम करना होता है. कोई भी संस्था हो उसके कुछ दायरे होते ही हैं. हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाएं रखने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं.हमने कभी भी किसी पर कोई दबाव नही बनाया है.जो लोग बार-बार यह दावा कर रहे हैं उनका उद्देश्य समाज के लोगों के बीच भ्रम उत्पन्न करना है.
उन्होंने आगे भाषा का जिक्र करते हुए कहा – हमको उपनिवेश के युग को ख़त्म करना होगा क्या हमका सुप्रीम कोर्ट में अपनी भारतीय भाषा का उपयोग नही करना चाहिए. अगर हम मराठी कोर्ट में हैं तो हमको वहां की मूल भाषा का उपयोग करना चाहिए. भाषा सीखना बेहतर चीज है लोगों को सीखते रहना चाहिए लेकिन अगर आप अपनी अदालत में अपनी मूल भाषा का उपयोग करते हैं तो यह आपने देश के मूल ढांचें को मजबूत करता है.
वह आगे बोले – इस ममाले पर हम सुप्रीम कोर्ट से बात कर चुके हैं सरकार की मंशा साफ़ है हम अपनी भारतीय भाषा को मजबूत बनाना चाहते हैं हमने अपनी बातें सुप्रीम कोर्ट से स्पष्ट कहीं हैं अब इसपर सुप्रीम कोर्ट को विचार करने की आवश्यकता है. उन्होंने आगे अपने बारे में बताते हुए कहा-मुझे भगवान बुद्ध से ऊर्जा मिलती है और जब भी मैं निडर होकर कुछ करता हूं, तो वह ऊर्जा मुझे छत्रपति शिवाजी महाराज से मिलती है.