NCP Political Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में अजित पवार की बगावत के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में उथल पुथल मची हुई है. शरद पवार और अजित पवार, दोनों गुट पार्टी पर अपना दावा कर रहे हैं. इस बीच अजित पवार धड़े के नेता प्रफुल्ल पटेल ने शुक्रवार, 7 जुलाई को कहा कि पार्टी टूटी नहीं है. उन्होंने दावा किया कि गुरुवार को दिल्ली में शरद पवार की तरफ से बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यसमिति (National Working Committee) की बैठक आधिकारिक नहीं थी.
पीटीआई की खबर के अनुसार, प्रफुल्ल पटेल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 30 जून को विधायक दल और संगठनात्मक इकाइयों ने अजित पवार को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया है. उन्होंने 40 से अधिक विधायकों के हलफनामों के साथ भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को एक अर्जी सौंपी है, जिसमें अजित पवार की नियुक्ति के बारे में सूचित किया गया है और ‘‘पार्टी के नाम और चिह्न’’ पर दावा किया गया है.
पटेल ने पार्टी संगठन पर उठाए सवाल-
राष्ट्रीय कार्यसमिति के अधिकार पर सवाल उठाते हुए पटेल ने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को ही गलत बताया. उन्होंने कहा, हमारा संगठनात्मक ढांचा गड़बड़ है, क्योंकि अधिकांश पार्टी पदाधिकारियों को कुछ लोग नियुक्ति करते हैं, जो एनसीपी के संविधान के खिलाफ है और इस तरह वर्किंग कमेटी निर्णय नहीं ले सकती.
पटेल ने कहा, तीस जून को ‘देवगिरी’ (मुंबई में अजित पवार का आधिकारिक आवास) पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें विधायक, पदाधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे. उन्होंने सर्वसम्मति से अजित पवार को अपना नेता नियुक्त किया. उन्होंने कहा कि नियुक्ति के तुरंत बाद, अजित पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को बताया कि प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
उन्होंने कहा कि अजित पवार को राकांपा विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया, अनिल पटेल विधानसभा में पार्टी सचेतक बने रहेंगे और विधान परिषद सभापति को सूचित किया गया कि अमोल मिटकरी को परिषद में सचेतक नियुक्त किया गया है. पटेल ने कहा, ‘‘(मूल) राजनीतिक दल का निर्धारण कौन करेगा? यह भारत के निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है, जबकि विधायकों को लेकर कार्रवाई विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में है.’’ उन्होंने कहा कि शरद पवार समूह द्वारा अजित पवार गुट के नेताओं को निष्कासित या अयोग्य ठहराने के फैसले अवैध हैं और ये लागू नहीं होते हैं.
शरद पवार ने बुलाई थी कार्यसमिति की बैठक-
गुरुवार को एनसीपी चीफ शरद पवार ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी. इस दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए अजित पवार और दो सांसदों – प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे सहित सभी नौ विधायकों को निष्कासित करने के फैसले का समर्थन किया गया.
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