संसद में हुई ऐसी घटना जिसने हिला कर रख दिया ! क्या है मकर द्वार का राज़?
भारतीय संसद भवन के मकर द्वार पर गुरुवार को हुई घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। प्रदर्शन, विरोध और हाथापाई से संसद की गरिमा को ठेस पहुंची और भारतीय लोकतंत्र पर भी एक प्रश्नचिन्ह लग गया। लेकिन क्या आप जानते हैं इस मकर द्वार का क्या महत्व है, और इस घटना के पीछे क्या ज्योतिषीय रहस्य छिपा है?
मकर द्वार: पौराणिकता से राजनीति तक
नए संसद भवन में छह द्वार हैं, जिनमें से मकर द्वार पश्चिम दिशा में स्थित है। मकर एक पौराणिक जलचर है जिसका संबंध भूमि और जल दोनों से है। प्राचीन काल में इसे जल का संरक्षक माना जाता था और कई जगहों पर वरुण देव की सवारी भी माना गया है। यह स्थिरता, स्थायित्व, शक्ति और संरक्षण का भी प्रतीक है। संसद के इस द्वार का नाम मकर रखने के पीछे लोकतंत्र की स्थायित्व को दर्शाना भी एक उद्देश्य रहा होगा, लेकिन विडंबना यह है कि यही द्वार गुरुवार को राजनीतिक द्वंद्व का साक्षी बना।
गंगा और मकर का अद्भुत संबंध
एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब गंगा धरती पर आई थीं तो उनके वेग को कम करने के लिए शिवजी ने उन्हें अपनी जटाओं में स्थान दिया था। इसके बावजूद गंगा के तेज के कारण धरती बह जाती थी। तब शिव के आदेश पर मकरों के समूह ने मिलकर एक बाँध बनाया, जिससे गंगा के वेग को कम किया जा सका और धरती बच सकी। इस घटना के कारण देवी गंगा ने मकर को सम्मान दिया और उन्हें अपनी सवारी के तौर पर स्वीकार किया।
मकर: धर्म और स्थायित्व का प्रतीक
हिन्दू धर्म के अलावा बौद्ध धर्म में भी मकर को धर्म और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। कई बौद्ध स्थलों पर मकर को पवित्र प्राणी के तौर पर पूजा जाता है, जहाँ वह धर्म के रक्षक के रूप में प्रस्तुत होता है, अज्ञान और दुष्ट शक्तियों से लड़ने का प्रतीक। यह वास्तुशिल्प में भी उपयोग में आता था, जैसे की जल निकासी की नालियाँ, टोंटी इत्यादि जहाँ मकरमुख की आकृति का प्रयोग होता था, यह जल के शुद्धिकरण और समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता था।
रोमन संस्कृति में मकर
रोमन संस्कृति में भी मकर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, हालाँकि इसका स्वरूप भारतीय मकर से कुछ अलग है। रोमन मकर, मछली के शरीर और बकरी के सिर वाला या अन्य स्थलीय प्राणियों जैसे घोड़े या भेड़िये के सिर और मगरमच्छ के शरीर वाला पौराणिक जीव था। मकर स्थिरता, स्थायित्व और साम्राज्य के महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक था, और कई रोमन मुद्राओं पर इसका चिह्न भी मौजूद था।
ज्योतिषीय संदर्भ और घटना का समय
भारतीय ज्योतिष में मकर राशि शनि ग्रह से संबंधित है जो न्याय और दंड का प्रतीक है। यह व्यावहारिकता और अनुशासन का प्रतीक भी है। गुरुवार 19 दिसंबर को जिस समय यह घटना घटी, उस समय गुलिक काल, विडाल योग और राहुकाल जैसी अशुभ ज्योतिषीय स्थिति विद्यमान थीं। ये स्थिति संघर्ष और अशांति की ओर इंगित करती हैं, इस घटना की पृष्ठभूमि में मौजूद ज्योतिषीय घटक को यह घटना और भी जटिल बनाती है।
घटना का दूरगामी प्रभाव
गुरुवार की घटना भारतीय राजनीति और लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। संसद के पवित्र मकर द्वार पर घटित यह घटना एक महत्वपूर्ण चिन्ह है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपहरण होने से यह घटना चिंताजनक है। भविष्य में इस तरह के घटनाक्रम से कैसे बचा जाए, यह सभी के लिए एक महत्वपूर्ण विचारणीय विषय है।
Take Away Points
- मकर द्वार का पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व समझना महत्वपूर्ण है।
- यह घटना लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गंभीर चिंता पैदा करती है।
- ज्योतिष के संकेत भी घटना के महत्व को और गहरा बनाते हैं।
- आगे बढ़ने के लिए, हमें संसद में शांति और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रभावी उपायों पर विचार करने की आवश्यकता है।