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मुजफ्फरपुर अस्पताल: बिना अपेंडिक्स के ऑपरेशन, लापरवाही का भयावह खुलासा!

मुजफ्फरपुर अस्पताल में बिना अपेंडिक्स के ऑपरेशन: लापरवाही की कहानी!

क्या आप जानते हैं कि बिहार के मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में एक 12 वर्षीय लड़की का बिना अपेंडिक्स की पुष्टि किए ऑपरेशन कर दिया गया? जी हाँ, आपने सही सुना! यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही का एक और दर्दनाक उदाहरण है जो आपको हैरान कर देगा। पेट दर्द की शिकायत लेकर आई बच्ची का अल्ट्रासाउंड और जाँच के बाद डॉक्टरों ने अपेंडिक्स की समस्या बताकर तुरंत ऑपरेशन का निर्णय लिया। घंटों तक चले ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने परिजनों को चौंकाते हुए बताया कि बच्ची में अपेंडिक्स ही नहीं था! यह सच्चाई जानकर पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया। आइए, इस पूरी घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

बिना बीमारी के ऑपरेशन: क्या है पूरा मामला?

इस गंभीर लापरवाही के मामले पर जिलाधिकारी (डीएम) सुब्रत सेन ने खुद अस्पताल जाकर बच्ची और उसके परिजनों से मुलाकात की। डीएम ने तुरंत तीन डॉक्टरों की जांच टीम गठित की और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

लेकिन डॉक्टरों का क्या कहना है? डॉक्टरों का दावा है कि अल्ट्रासाउंड और अन्य जांचों में अपेंडिक्स की पुष्टि हुई थी। उनका यह भी तर्क है कि कभी-कभी एंटीबायोटिक दवाइयों के प्रभाव से अपेंडिक्स ऑपरेशन के दौरान न दिखाई दे सकता है। हालांकि रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर फिरदौस ने 28 अक्टूबर को किए गए अल्ट्रासाउंड में अपेंडिक्स की पुष्टि करने का दावा किया है।

लापरवाही पर परिवार में रोष: क्या मिलेगा न्याय?

बच्ची के पिता शंकर राय इस लापरवाही से बेहद नाराज हैं और उन्होंने सिविल सर्जन से शिकायत दर्ज कराई है। यह मामला सिर्फ़ एक व्यक्ति की लापरवाही नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य सेवा तंत्र में व्याप्त गंभीर कमियों का आईना है। यह घटना देशभर के अस्पतालों में चिकित्सा लापरवाही और मरीजों के अधिकारों के संरक्षण की चिंता को फिर से उजागर करती है।

सवाल उठते हैं:

  • क्या इस तरह की लापरवाही की कोई जिम्मेदारी तय होगी?
  • क्या ऐसे मामलों में मरीजों को कोई मुआवजा मिलेगा?
  • क्या स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी?

निष्कर्ष: सुधार की अत्यावश्यकता!

मुजफ्फरपुर में हुई इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है। सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों को इस मामले में त्वरित और निर्णायक कदम उठाने चाहिए। मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और चिकित्सा पेशेवरों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कड़ी कार्यवाही आवश्यक है। यह केवल एक 12 वर्षीय बच्ची का मामला नहीं है, यह हमारी स्वास्थ्य प्रणाली की भयावह हकीकत है, जिसके लिए तत्काल सुधार की आवश्यकता है।

Take Away Points

  • मुजफ्फरपुर अस्पताल में बिना अपेंडिक्स की जांच के 12 साल की बच्ची का ऑपरेशन।
  • घटना की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने जाँच के आदेश दिए।
  • डॉक्टरों का दावा है कि जाँच में अपेंडिक्स दिखाई दिया था, लेकिन ऑपरेशन के दौरान गायब हो गया।
  • परिवार ने लापरवाही पर नाराजगी जताई और शिकायत दर्ज कराई।
  • घटना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता पर जोर देती है।