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पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान और ओलंपियन परगट सिंह ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का समर्थन किया और इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी.टी. उषा की टिप्पणी की आलोचना की। परगट सिंह ने उन सभी खिलाड़ियों और महिलाओं पर हमला बोला जो खुद इस तरह की परिस्थितियों से गुजर चुकी हैं, लेकिन अभी मूर्क दर्शक बनी हुई हैं। उन्होंने कहा, कोई भी तब तक सड़कों पर नहीं उतरेगा जब तक कि उसे गंभीर रूप से उत्तेजित और परेशान नहीं किया जाता है।

उन्होंने कहा, यह बेहद गंभीर मामला है। एक खिलाड़ी जानता है कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचना कितना कठिन है। और अगर एथलीटों का इस तरह का शोषण उच्चतम स्तर पर होता है, तो शर्म से सिर झुकाकर उस खेल प्रशासन का हिस्सा बने रहना संभव नहीं है।

भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला ओलंपियन पी.टी. उषा पर कटाक्ष करते हुए परगट सिंह ने कहा, अपने खुद के पेशे को त्यागना और उसे छोड़ना बहुत परेशान करने वाला है। किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि खेल से उसे क्या मिला है।

तीन बार विधायक रहे परगट सिंह ने एक बयान में कहा, अपने साथी खिलाड़ियों का बचाव करना और उनके साथ खड़ा होना अधिक नैतिक और मांगलिक है। आंदोलनकारी पहलवान अनुशासनहीनता पैदा नहीं कर रहे हैं, बल्कि भारतीय खेलों का कूड़ा और गंदगी साफ करने के लिए बाहर हैं। वे साफ-सुथरे, स्वच्छ और गरिमा के साथ जोश के लिए एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं।