same-sex-marrage: समलैंगिक विवाह पर कोर्ट ने सरकार से मांगा सुझाव

देश - सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह पर सुनवाई जारी है। कई जगहों में इसका विरोध हो रहा है लोगों का कहना है समलैंगिक विवाह को यदि मंजूरी दी जाती है तो यह प्रकृति के साथ खिलवाड़ होगा। इससे हमारी सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुचेंगी। वहीं केंद्र सरकार ने भी समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने का विरोध किया था। केंद्र के विरोध के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह कोई ऐसा उपाय बता दें जिससे समलैंगिक जोड़ो को विवाह की मान्यता न देनी पड़े और उनको सामाजिक लाभ, संयुक्त बैंक खाता या बीमा में नामिनी बनाने जैसी सुविधाओं का लाभ मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव के लिए केंद्र सरकार को 3 मई तक का समय दिया है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- सरकार समलैंगिक जोड़ो को विवाह की मान्यता देने का विरोध कर रही है। सरकार कोई ऐसा उपाय बता दे जिससे उनकी समस्या हल हो जाए। उनको समाजिक लाभ मिलने लगे। समाज में लोग उनको बराबरी से देखने लगें।
बता दें सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील और देश के साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता की उस दलील से मौखिक सहमति जताई कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने का मामला संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है।