स्क्रीनिंग की लत खतरनाक, ऐसे बचें स्क्रीनिंग से

देश- आज हमारे दिन की शुरुआत मोबाइल के साथ होती है। हम सोते है मोबाइल देखते हुए। उठते हैं तो सबसे पहले मोबाइल देखते हैं। लेकिन हम यह नहीं सोचते की मोबाइल की लत हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव डाल रही है। इसका अधिक उपयोग हमारे नेत्रों को कैसे प्रभावित करता है और धीरे-धीरे हम कई बड़ी बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं।
वहीं एक रिसर्च में ख़िलास हुआ है कि आज के समय मे लोगों का स्कीन टाइम बढ़ गया है। जो लोगों को नेत्रहीन बना रहा है। अचानक से लोग आंखों से अंधे हो रहे हैं किसी का शरीर पैरालाइज्ड हो जा रहा है। तो कोई तनाव, डिप्रेशन का शिकार हो रहा है।
रिसर्च के मुताबिक कोरोना काल मे लोग फ्री थे। उनके पास अधिक काम नहीं था। लोग अपने घरों में रहते थे। तो उनके समय बिताने का सबसे अमुख पैमाना मोबाइल फोन बन गया। लोग पूरा दिन मोबाइल पर सोशल मीडिया चलाते, तरह-तरह के वीडियो देखते और अपने 11 घंटे से अधिक मोबाइल पर बिता देते।
कोविड में समय बिताने स्व शुरू हुई यह आदत आज लोगों की जरूरत बन गई है। अब सभी गतिविधि सामान्य हो गई हैं। लेकिन लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ता जा रहा है। लोग मोबाइल का उपयोग कम करने का नाम नहीं ले रहे हैं। अपने स्वास्थ्य को ताक पर रखकर लोग बड़े मजे के साथ मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 54 फीसदी लोग ऐसे हैं जो अपना समय स्कीनिंग मे व्यतीत करते हैं। वहीं 27 फीसदी लोग स्कीनिंग में टाइम अपने काम के कारण व्यतीत करते हैं। लोग अपने साथियों के सम्पर्क में आकर भी इस आदत के शिकार हो रहे हैं।
कैसे बचें स्कीनिंग से-
स्कीनिंग से वैसे तो कोई नहीं बच सकता। यह शराब की लत के समान है। जब तक इसका इस्तेमाल नहीं किया जाए यह हमारे दिमाग मे चढ़ा रहता है। लेकिन अगर आप स्कीनिंग पर अपना टाइम कम करना चाहते हैं तो आप अपने शेड्यूल तैयार कीजिए। समय को निर्धारित कीजिए कि आप किस काम को पूरे दिन करेंगे।
स्कीनिंग कम करने का सबसे बेहतर तरीका व्यवस्थित जीवन है। आप किताबों को अधिक वक्त दें। समय पर सोने का प्रयास करें। सुबह जल्दी उठकर योगा करें तो कोशिश करें कि सुबह उठते ही मोबाइल के संपर्क में न आएं। इसके अलावा आप जब फ्री हों तो आप अपने दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम एक्सपेड करें।