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मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच संघर्ष में कम से कम 676 लोग मारे गए हैं। ओसीएचए ने रविवार को कहा, सूडान सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच संघर्ष लगातार 30 दिनों तक जारी रहा, खासकर खारतूम में और उसके आसपास। इसमें कम से कम 676 लोग मारे गए और 5,576 घायल हुए।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार 15 अप्रैल के बाद से संघर्ष से 9,36,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, इनमें लगभग 7,36,200 लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हैं और लगभग 2 लाख लोगों ने पड़ोसी देशों में शरण ली है। अप्रैल के मध्य में संघर्ष शुरू होने के बाद से, सूडान की राजधानी खार्तूम के निवासी भोजन की गंभीर कमी से जूझ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि लगभग 15.8 मिलियन सूडानी, या सूडान की लगभग एक-तिहाई आबादी को 2023 में मानवीय सहायता की आवश्यकता होगी। यह आंकड़ा बढ़ने की भी संभावना है।

11 मई को, सूडानी युद्धरत दलों ने सऊदी बंदरगाह शहर जेद्दाह में सूडान के नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता की घोषणा पर हस्ताक्षर किए, ताकि आपातकालीन मानवीय सहायता की डिलीवरी की सुविधा प्रदान की जा सके और नागरिकों की सुरक्षित निकासी की गारंटी दी जा सके।

हालांकि, दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर समझौते का उल्लंघन करने और सशस्त्र संघर्ष जारी रखने का आरोप लगाया। रविवार को, सूडानी सेना ने आरएसएफ पर ओमडुरमैन शहर के अल-मसलमा इलाके में एक चर्च में ईसाई उपासकों को गोली मारने का आरोप लगाया। हालांकि, आरएसएफ ने इस घटना के लिए जिम्मेदारी से इनकार किया और इसके पीछे सेना का हाथ होने का आरोप लगाते हुए इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की।