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देश– कोरोना(corona) जिसने दिसंबर 2019 में पूरे विश्व को हिला कर रख दिया। 11 मार्च 2021 के दिन विश्व में 11 करोड़ से अधिक लोग कोविड की चपेट में आ गए। मौत का तांडव हर ओर जारी था। सरकार(government) ने लोगों को कोविड के कहर से बचाने के लिए लॉक डाउन की घोषणा की। वही साल 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया।

आज कोविड के तांडव को झेलते हुए तीन वर्ष से ज्यादा हो गया है। जब कोविड का कहर बढ़ने लगा तो देश-विदेश की सभी गतिविधयां ठप हो गई। हर ओर मौत का लाल निशान नजर आता था। लोग धड़ाके से बेरोजगार होने लगे और आम आदमी के लिए अपना जीवन यापन करना मुश्किल हो गया।
मजदूरों के पलायन को देखकर हर किसी का दिल दहल गया। वहीं अगर हम अपनों की बात करें तो अपनो ने रिश्तों से मुह मोड़ लिया था। हर कोई अपने प्रति स्वार्थी होने लगा। लोग कोविड संक्रमित व्यक्ति को बड़े हीन भाव से देखने लगे कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा था। लेकिन समय के साथ स्थितियों में बदलाव आया और आज देश और विदेश कोविड के भीषण प्रकोप से उभर चुका है।
कोविड ने भारत में क्या-क्या दिखाया-
कोविड के प्रकोप से भारत में लोगों के मन से मनावता का भाव मिटा और लोग एक दूसरे की मदद के लिए आगे नहीं आए।
कोरोना संक्रमण के प्रभाव में एक विशेष समुदाय के लोगों को टारगेट किया गया और उन्हें कोरोना फैलाने का जिम्मेदार बताया गया।
कोविड संक्रमण के दौरान शमशान घाट में भयावह मंजूर देंखने को मिला और दिन रात जलती चिताओं को देख देश का दिल दहला।
कोविड काल के दौरान जब शमशाम में चिताओं को स्थान नहीं मिला तो गंगा में लाशों को तैरता देखा गया।