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देश– एक ओर सरकार दावा करते हैं कि हमारे नेतृत्व में देश अपराध मुक्त हो गया है। प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिल रहा है। वहीं देश मे 50 हजार से अधिक मामले बाल अपराध के न्याय के लिए लंबित हैं। यह जानकारी संसद में केंद्र सरकार द्वारा दी गई। बताया गया यह मामले बीते एक साल में दर्ज हुए हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह मामले साल 2022 में दर्ज हुए हैं। केंद्र सरकार इन मामलों को तीन वर्ष के लिए ओर बढाना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश व राज्यों के पास कुल 1,98,208 मामले लंबित पड़े थे उनमें से सरकारी एजंसियों ने इस वर्ष कुल 64,959 मामलों का निपटारा किया है।
वहीं अगर हम बात अपराध के मामले में शीर्ष रहे राज्यों की करें तो उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, ओड़ीशा और महाराष्ट्र इसने सबसे आगे हैं। न्याय विभाग के मुताबिक- मामलों के निपटारे हेतु हर सम्भव प्रयास जारी है। कई योजनाओं पर विचार हो रहा है। योजनाओं का विस्तार साल 2026 तक होगा।
दावा किया जा रहा है सरकार की इन मामलों पर पैनी नजर है। सरकार इसके खिलाफ सख्त नियम कानून बनाने के परिपेक्ष्य में काम कर रही है। पाक्सो के तहत बाल शोषण, यौन उत्पीड़न और अश्लील सामग्री तैयार किए जाने के संदर्भ में सख्त कानून बनाए जा रहे हैं।
बता दें सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2020 में कुल 158843 मामले अदालत में आए थे। इन मामलों में से 37148 मामले अभी भी लटके हुए हैं।2021 में कुल 184843 मामले आए थे, इनमें से 73627 मामले ही निपटाए जा चुके हैं।