Budget 2024 : भारत में वित्तीय नीतियों और बजट का समाज के विभिन्न वर्गों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट प्रत्येक वर्ष एक चर्चा का विषय बन जाता है, जहाँ विभिन्न राजनीतिक दलों, विशेष रूप से विपक्ष, अपनी राय व्यक्त करते हैं। हाल ही में प्रस्तुत बजट को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मीडिया में अपने विचार साझा किए, जिनका उद्देश्य केंद्र सरकार की नीतियों और उनके संभावित प्रभावों पर प्रकाश डालना था।
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि सीतारमण का बजट आम आदमी की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए नहीं बनाया गया है। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि बजट में विकास की कोई स्पष्ट दिशा नहीं है और यह युवाओं, किसानों और मध्यम वर्ग के लिए निराशाजनक है। गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियाँ सिर्फ बड़े उद्योगपतियों के लाभ में केंद्रित हैं, जबकि आम नागरिकों के लिए कोई ठोस योजना प्रस्तुत नहीं की गई है।
इसके अलावा, राहुल गांधी ने बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए आवंटन की कमी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में निवेश न करने से गरीब और कमजोर वर्गों पर भारी असर पड़ेगा, और यह भारतीय समाज के विकास के लिए एक बड़ा खतरा है। उनके अनुसार, नागरिकों की बुनियादी जरूरतों की अनदेखी करना, सरकार की प्राथमिकताओं की कमी को दर्शाता है।
बजट के संदर्भ में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सीतारमण द्वारा प्रस्तुत नीतियों का क्रियान्वयन प्रभावी नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए, उन्होंने बताया कि उस समय की सरकार ने विकास और सामाजिक कल्याण के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाया था। राहुल का तर्क था कि मौजूदा सरकार की तुलना में पहले अधिक समावेशी और जनहितैषी नीतियाँ थीं।
अंत में, राहुल गांधी ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपनी आवाज उठाएँ और सरकार की नीतियों के खिलाफ खड़े हों। उन्होंने यह उल्लेख किया कि केवल आलोचना करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि सामूहिक प्रयासों से एक सकारात्मक बदलाव लाना आवश्यक है। उन्होंने देशवासियों को सजग और सक्रिय रहने का आह्वान किया, ताकि आम जन के मुद्दों को समग्र रूप में उठाया जा सके।
इस प्रकार, राहुल गांधी ने सीतारमण के बजट पर अपनी चिंताओं को उजागर करते हुए यह स्पष्ट किया कि सरकार की नीतियों में सुधार की आवश्यकता है, ताकि वे समाज के हर वर्ग के हितों की रक्षा कर सकें। उनके बयान ने बजट पर चर्चा को एक नई दिशा दी है और यह दिखाया है कि राजनीतिक दृष्टिकोण से इस विषय का कितना महत्व है।
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