राजीव गाँधी क्यों बनें राजनेता

राजीव गांधी (जन्म: 20 अगस्त 1944, मृत्यु: 21 मई 1991) भारतीय राजनीतिज्ञ थे और भारत के सातवें प्रधानमंत्री थे। उनका पूरा नाम राजीव रत्न सांजय गांधी था। राजीव गांधी गांधी परिवार के सदस्य थे, जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजीव गांधी ने 1981 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 1984 में भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें सत्ता में बढ़ावा मिला। हालांकि, उनकी प्रधानमंत्री पदाधिकारी कार्यकाल छह वर्ष तक रहा, जो 1989 तक चला। राजीव गांधी ने आर्थिक नवीनीकरण, प्रौद्योगिकी, और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण नीतियाँ और सुधारों को प्रदर्शित किया। उन्होंने कृषि विकास, बांटवारा, आदर्शवाद, और नवीनीकरण के माध्यम से देश की समृद्धि के लिए प्रयास किए।
राजीव गांधी ने राजनेता बनने के कई कारणों से अपना करियर शुरू किया। यहां कुछ महत्वपूर्ण कारणों का उल्लेख किया गया है:
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परिवारिक संपर्क: राजीव गांधी का परिवार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पहले से ही प्रभावशाली था। उनके पिता इंदिरा गांधी और दादी फीरोज़ गांधी भी प्रमुख राजनेता थे, जिसने उन्हें राजनीतिक परिस्थितियों और राजनीतिक विचारधारा के बारे में समझाया।
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संघर्ष और उत्कृष्टता की मांग: राजीव गांधी के परिवार में राजनीतिक संघर्ष और उत्कृष्टता की मांग थी। उन्हें अपने मन के आदेश के अनुसार देश की सेवा करने का अवसर मिला।
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देशभक्ति: राजीव गांधी में गहरी देशभक्ति की भावना थी। उन्होंने देश के उन्नयन और समृद्धि के लिए अपने प्रयासों को समर्पित किया। उन्होंने अपने पिता और दादी के पदार्थवादी आदर्शों को अपनाया और देश की प्रगति के लिए कार्य किया।
राजीव गांधी, भारत के सातवें प्रधानमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। यहां उनके महत्वपूर्ण इतिहास के कुछ पहलुओं का वर्णन किया गया है:
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जन्म और परिवार: राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम इंदिरा और फीरोज़ गांधी था। वे गांधी परिवार से संबंधित हैं, जो भारतीय राजनीति में बहुत प्रभावशाली रहा है।
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प्रधानमंत्री का पदभार: उनकी माता इंदिरा गांधी के बाद उन्हें 1984 में भारत के प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया गया। वह 41 वर्षीय थे जब उन्हें प्रधानमंत्री का पद सौंपा गया।
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आर्थिक नवीनीकरण: राजीव गांधी ने आर्थिक नवीनीकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण नीतियों को लागू किया। उन्होंने गरीबी उन्मूलन, बांटवारा, और नई औद्योगिक नीतियों के प्रचार और प्रोत्साहन का प्रयास किया।
प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गाँधी-
राजीव गांधी, 1984 में भारत के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने इस पद का कार्यकाल 31 अक्टूबर 1984 से 2 दिसंबर 1989 तक निभाया।
राजीव गांधी के प्रधानमंत्री पदाधिकारी कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण घटनाएं और नीतियाँ हुईं। उनकी प्रमुख पहलों में निम्नलिखित शामिल हैं:
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आर्थिक नवीनीकरण: राजीव गांधी ने आर्थिक नवीनीकरण की महत्वपूर्ण पहल की। उन्होंने विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर विदेशी सीमाओं को खोला और विदेशी प्रौद्योगिकी और निवेश को बढ़ावा दिया।
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शिक्षा सुधार: उनके कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की गई। उन्होंने बाल शिक्षा को महत्वपूर्णता दी, और विश्वविद्यालयों के लिए नई नीतियाँ और योजनाएं शुरू की।
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तकनीकी प्रगति: राजीव गांधी ने तकनीकी प्रगति को बढ़ाने के लिए नीतियों को बदलने का प्रयास किया। उन्होंने उद्योग विकास, टेक्नोलॉजी और साइंस फ़ील्ड में काम किया।