Wrestlers Protest: बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, तमाम बवाल और शिकायतों के बावजूद अब तक बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ है. अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर ने दिल्ली पुलिस की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि पहलवानों को न्याय नहीं मिल पाना उनके साथ फिर से प्रताड़ना जैसा है. पूर्व जस्टिस ने कहा कि पहलवानों की शिकायतों पर ठीक से ध्यान नहीं दिया गया.
ये फिर से उत्पीड़न का मामला- जस्टिस लोकुर
‘पहलवानों का संघर्ष: संस्थानों की जवाबदेही’ विषय पर एक परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि पीड़ितों का ‘‘फिर से उत्पीड़न’’ हुआ है, क्योंकि पहलवान न्याय का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह फिर से उत्पीड़न का एक स्पष्ट मामला है. पहलवानों ने कहा है कि वो दबाव में हैं.’’ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ने कहा कि पहलवानों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सिंह के खिलाफ उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने प्रक्रिया में देरी के लिए दिल्ली पुलिस की आलोचना की.
शिकायत के लिए कोई कमेटी नहीं
जस्टिस लोकुर ने कहा कि डब्ल्यूएफआई के पास यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिए समिति नहीं है, जो कानून के खिलाफ है. उन्होंने कहा, ‘‘जब जनवरी में विरोध शुरू हुआ, तो ऐसा नहीं था कि उन्होंने सीधे जंतर-मंतर जाने का फैसला किया था. उन्होंने शिकायतें कीं, लेकिन कुश्ती महासंघ में कोई शिकायत कमेटी नहीं थी.’’
जस्टिस लोकुर ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को खतरे की आशंका के बारे में भी बात की और बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हमने 28 मई को हुए वीभत्स दृश्य देखे. पीड़ितों को बताया जा रहा है कि वे अपराधी हैं, क्योंकि उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया.’’
कानून के उल्लंघन का आरोप
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की वकील वृंदा ग्रोवर ने आरोप लगाया कि सरकार ने पहलवानों के मामले में कानून का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा, ‘‘आंतरिक शिकायत समिति का होना कानून के तहत अनिवार्य है. कुश्ती महासंघ में आईसीसी नहीं होने से कानून का उल्लंघन किया जा रहा है.’’ ग्रोवर ने कहा कि इस मामले के जरिए ये संकेत दिया जा रहा है कि महिलाओं को शक्तिशाली व्यक्तियों के खिलाफ यौन अपराध की रिपोर्ट दर्ज नहीं करानी चाहिए.
दो ओलंपिक पदक विजेता और एक विश्व चैंपियन समेत भारत के कई बड़े पहलवान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं.