Lok Sabha Elections 2024: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस जनता को लुभाने की हर सम्भव कोशिश कर रही है। दक्षिण भारत में कांग्रेस की रीढ़ लगातार मजबूत होती जा रही है तो उत्तर भारत में स्थिति डामाडोल है। हिंदी भाषी राज्यों में अपना परचन लहराने की कवायद में कांग्रेस अभी काफी पीछे दिख रही है। जिसका स्पष्ट उदाहरण राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली करारी हार से मिल गया है। वही अब 18वीं लोकसभा के लिए 2024 में होने वाले चुनाव कांग्रेस के लिए सबसे कठिन हो गया है। कांग्रेस को स्वयं को साबित करना है और पीएम मोदी को पंडित जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड को तोड़ने से रोकना है। अब ऐसे कैसे होगा यह निर्भर करेगा कांग्रेस की आगामी चुनावी नीति पर। हालाकि सर्वे यह स्पष्ट कर चुके हैं कि साल 2024 में केंद्र में पुनः एनडीए की सरकार बनेगी।
क्यों सत्ता से दूर हो रही कांग्रेस:
सीट बटवारे पर विवाद:
विपक्ष एकजुटता के सूत्र से बंधा है। विपक्ष की नीति केंद्र से बीजेपी को उखाड़ फेंकने की है। लेकिन विपक्ष एकजुट है यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि कई दल कांग्रेस के नेतृत्व को स्वीकारना नहीं चाहते हैं। तो कांग्रेस सींट बंटवारे को लेकर किसी अन्य दल की शर्तो पर राजी होने को तैयार नहीं है। ऐसा जानकार इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि एमपी में अखिलेश यादव और कमलनाथ का विवाद सीट बंटवारे को लेकर देखने को मिला और कमलनाथ ने अखिलेश यादव को लेकर उल्टी बात कही। वही अब पुनः पेच वही फस रहा है। जानकारों का मानना है गठबंधन बनाने से आपसी सहमति नहीं बनती यदि कांग्रेस चाहती है कि आगामी चुनाव में बीजेपी को विपक्ष कांटे की टक्कर दे सके तो उसे आपसी मतभेद मिटाकर सीट बंटवारे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और सर्वसहमति से चुनावी मैदान में ताल ठोकनी चाहिए। क्योंकि अगर अब गठबंधन में दरार आती है तो विपक्ष की बनी बनाई छवि जनता के मध्य धूमिल होगी और उनका वोट बैंक धड़ाम हो जाएगा।
हिन्दू पर फोकस:
बीजेपी की जीत का एक बड़ा कारण हिन्दू वोट बैंक है। हिन्दू बीजेपी को अपनी पार्टी कहता है। वही कांग्रेस की छवि जनता के मध्य मुस्लिम हितधारक के तौर पर बनी हुई है। अब ऐसे में कांग्रेस को अपना पूरा ध्यान हिन्दुओं पर फोकस करना चाहिए। जनता को यह विश्वास दिलाना चाहिए कि उनकी आस्था हिन्दू और हिन्दू धर्म के प्रति है। इसके साथ ही हिन्दू से जुड़े इधर-उधर के बयानों से बचने का प्रयास करना चाहिए और सनातन का शौर्य अपने माथे पर धारण करना चाहिए। अगर कांग्रेस ऐसा करती है तो उसकी छवि बेहतर होगी और समय के साथ कांग्रेस जनता के बीच लोकप्रिय हो जाएगी।