Mamta Banerjee West Bengal: बुधवार को हुगली जिले के चूंचुड़ा में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार रचना बनर्जी के समर्थन में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा- वह इंडिया गठबंधन में शामिल हैं। उनके बयाना ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। क्योंकि बीते दिनों उन्होंने घोषणा की थी वह केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार को बाहर से समर्थन देंगी। ममता के बार-बार गठबंधन के संदर्भ में आते बयानों से यह कयास लगाए जा रहे हैं की क्या केंद्र की हवा बदलने जा रही है। क्या विपक्ष सत्ता में वापसी कर रहा है। क्या गठबंधन को जनमसर्थन प्राप्त हो रहा है। क्या ममता को समझ आ गया विपक्ष के नेताओं से बैर सत्ता के लिए सही नहीं है।
ममता बनर्जी के बदले रुख को देखकर एक बात साफ़ है की उन्होंने यह मान लिया है केंद्र में परिवर्तन होने वाला है। मोदी लहर का दम निकल गया है। राहुल गांधी को जनसमर्थन मिल रहा है। जनता उनको मौका देने के लिए तैयार है। कई इंटरव्यू समाने आए हैं जिनमे आम नागरिकों को कहते सुना गया है की सत्ता किसी की भी हो परिवर्तन आवश्यक है। यदि सत्ता बदलती है तो नेता विकास पर काम करते हैं और सत्ता एक ही रहती है तो नेता स्वयं के लाभ और स्वयं की विचारधारा को पूरे देश पर थोपने का काम करते हैं। परिस्थितयों के हिसाब ममता बनर्जी के से समय-समय पर बदलते बयाना क्या ममता बनर्जी के स्व स्वार्थ को प्रदर्शित नहीं करते हैं शायद हाँ।
राजनीति के जानकारों का कहना है – ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की रग-रग से वाकिफ हैं। उनको जनता का खूब प्यार मिलता है। भारत जोड़ो यात्रा ने कांग्रेस को हर राज्य में मजबूत किया है। अगर ऐसे में वह हिडन रूप से कांग्रेस के पक्ष में खड़ी होकर चुनावी ताल ठोकती हैं तो इसका उनको खूब लाभ होगा और बीजेपी की सभी नीतियां, हिंदुत्व वादी एजेंडा और विभाजकारी रणनीति फेल हो जाएगा।
वर्तमान में गठबंधन की स्थिति:
वर्तमान समय में जो आकलन समाने आ रहे हैं। वह बड़े बदलाव की तरफ इशारा कर रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस भले बड़े -बड़े दावे कर रही हैं लेकिन जनता मौन है। बीजेपी लीडर्स जो बात-बात पर 400 पार का नारा लगाते थे। वह 300-250 पर आ गए हैं। जनता सत्ता के सवाल पर मौन हो गई है। जनता का स्पष्ट एक जवाब आता है की परिवर्तन आवश्यक है यदि बदलाव नहीं होगा तो सत्ताधारी दल को घमंड होगा। अब ऐसे में यह अनुमान लगाया जा सकता है भले केंद्र में किसी की भी सरकार बने लेकिन विपक्ष ने स्वयं को मजबूती से गढ़ा है। जनता के बीच युवा नेता राहुल गांधी का क्रेज खूब है और समय के साथ जनता उनको अपना नेता स्वीकार रही है।