बिहार में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। नीतीश कुमार 28 जनवरी को महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए। बिहार विधानसभा में तेजस्वी यादव के भाषण ने बवाल मचा दिया। पक्ष-विपक्ष दोनों ने तेजस्वी यादव की भाषा और कटाक्ष के लहजे की सराहना की। विशेषज्ञों ने तेजस्वी यादव को बिहार का भविष्य बताया। वही बीते दिन सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की एक तस्वीर ने बवाल मचा दिया। तस्वीर राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की है। तेजस्वी यादव राहुल गांधी के साथ उनकी यात्रा पर निकले। सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं तेजस्वी यादव के साथ बिहार में कांग्रेस बड़ी रणनीति तैयार कर रही है।
क्या हैं तस्वीर के मायने:
राजनीति के जानकारों का कहना है। राहुल – तेजस्वी की जोड़ी कुछ बड़ा कर सकती है। विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने स्वयं को सिद्ध कर दिया है। सूत्रों का कहना है राहुल ने बिहार में तेजस्वी को स्टेरिंग पकड़ा दिया है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में गठबंधन बिहार में बवाल मचाएगा। कहा जा रहा है बिहार तेजस्वी यादव का समझा हुआ है। कहीं न कहीं बिहार की जनता तेजस्वी यादव को अपना नेता मान चुकी है। नीतीश को लेकर विश्वसनीयता समाप्त हो गई है। पलट नीति ने बीजेपी और नीतीश को तेजस्वी के सम्मुख साइड लाइन कर दिया है। ऐसे में तेजस्वी यादव का मजबूती के साथ जनता के मध्य खड़ा होना बिहार की राजनीति के नए युग का उदय साबित होगा।
कई लोगों का मानना है की कांग्रेस और आरजेडी मिलकर सेक्युलर और मुस्लिम वोटों का विभाजन रोक सकते हैं। बिहार में चुनावी आँकड़ों के लिहाज़ से भी इसी साल होने वाले लोकसभा चुनाव और राज्य के अगले विधानसभा चुनावों के लिए तेजस्वी यादव पर विपक्षी गठबंधन की सफलता की बड़ी ज़िम्मेदारी होगी। हालांकि जानकारों ने यह स्पष्ट कर दिया है की बिहार में तेजस्वी यादव मुख्य भूमिका में होगें और कांग्रेस उनकी समर्थक बनकर चलेगी।