Bharat Ratna: भारत सरकार ने बीते दिन बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रहे लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की। इससे पहले बीजेपी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की थी। भारत रत्न मिलने वालों की सूची में लालकृष्ण आडवाणी का नंबर 50वां हैं। आडवाणी के समर्थक उनको खूब बधाई दे रहे हैं। पीएम ने व्यक्तिगत रूप से आडवाणी से मिलकर उनको बधाई दी। पीएम के मुताबिक देश के विकास में आडवाणी की अहम भूमिका रही है।
वही अब सवाल यह उठता है कि आखिर आडवाणी ने ऐसा क्या किया है जो उनको भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। आडवाणी के कार्य को लेकर सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई है। एक पक्ष आडवाणी को बधाई दे रहा है तो एक पक्ष का दावा है कि बीजेपी ने अपने राजनीतिक लाभ हेतु भारत रत्न का उपयोग किया है। आडवाणी के समर्थक लम्बे समय से उनको भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग कर रहे थे। ऐसे में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की है।
किस रणनीति के तहत मिल रहा आडवाणी को सम्मान:
वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के मुताबिक पीएम मोदी आडवाणी के मार्गदर्शन पर चल रहे हैं। जब आडवाणी राम मंदिर के लिए अपना रथ लेकर निकले तो गुजरात चरण की जिम्मेदारी मोदी को मिली। माना जाता है मोदी को मुख्यमंत्री के पद तक ले जाने में लाल कृष्ण आडवाणी की अहम भूमिका रही है। मोदी आज पीएम हैं और आडवाणी के हिंदुत्व वाले एजेंडे पर कार्य कर रहे हैं। वह हिन्दू राष्ट्र के सपने को आगे बढ़ा रहे हैं। कहीं न कहीं पीएम मोदी ने आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित कर उनका आभार प्रकट किया है।
गलती का सुधार:
राजनीति के जानकारों का कहना है की बीजेपी आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित कर अपनी गलती को सुधारने का प्रयास कर रही है। बीते दिन राम मंदिर का भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कई बड़ी-बड़ी दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं। लेकिन श्रीराम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले दो प्रमुख चेहरे लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी दिखाई नहीं दिए। आडवाणी के समर्थकों समेत कई बड़े-बड़े नेताओं ने आडवाणी की अनुपस्थिति पर बीजेपी को घेरा। कई लोगों ने दावा किया की आडवाणी की उम्र अधिक थी जिस कारण वह प्राण प्रतिष्ठा के भव्य कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे। लेकिन सवाल फिर वही हुआ की जब कार्यक्रम में आडवाणी की उम्र के दलाई लामा को आमंत्रित किया जा सकता है। वह कार्यक्रम में उपस्थित हो सकते हैं तो लाल कृष्ण आडवाणी क्यों नहीं ?
आडवाणी का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अनुपस्थित होना। बीजेपी को कई सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा था। अपनी गलती को सुधारने के संदर्भ में कहीं न कहीं बीजेपी ने आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है। क्योंकि बीजेपी जानती है आडवाणी की अनुपस्थिति उनके वोट बैंक के साथ दोनों की आपसी सहभागिता पर भी सवाल खड़े कर रही है।