हरियाणा में 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रमुख चेहरे और राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने इस बात की पुष्टि करते हुए लाडवा से चुनाव लड़ने की खबरों को नकार दिया है, जो पार्टी अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने दे दी थी. मुख्यमंत्री खट्टर ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पार्टी के निर्णय को स्वीकार करते हुए वह पार्टी की तरफ़ से निर्धारित किसी भी सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.
सीएम खट्टर का चुनावी क्षेत्र: करनाल
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने चुनाव क्षेत्र के तौर पर करनाल को ही पसंद किया है. यह बात उन्होंने स्वयं ही मीडिया के सामने कही है. खट्टर करनाल से 2014 और 2019 में भी चुनाव जीत चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने अपनी जमीन मजबूत करने और अपने समर्थन को मज़बूत करने के लिए यही सीट चुनी है.
करनाल का राजनीतिक महत्व
करनाल हरियाणा का सबसे बड़ा शहर है और इस क्षेत्र का राजनीतिक महत्व भी बहुत अधिक है. यह क्षेत्र भाजपा के लिए अपनी पकड़ को मज़बूत करने का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है.
लाडवा से चुनाव लड़ने के दावे पर खट्टर का रुख
भाजपा अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने पहले ऐलान किया था कि सीएम खट्टर लाडवा से चुनाव लड़ेंगे. यह ऐलान अटकलों को हवा देने वाला था. खट्टर ने यह खबरें नकार दी और स्पष्ट कर दिया कि वह पार्टी के निर्णय के अनुसार किसी भी सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. यह उनके अनुशासित और पार्टी के प्रति वफादार होने का एक प्रतीक माना जा सकता है.
ईडी कार्रवाई पर खट्टर का बयान
हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की संपत्ति पर ईडी ने कार्रवाई की थी. इसके बारे में सीएम खट्टर ने काफी संयम के साथ अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि ईडी का यह कार्य है और वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
खट्टर का ईडी के काम को लेकर निष्पक्ष रुख
खट्टर का ईडी की कार्रवाई को लेकर निष्पक्ष रुख चुनावी समीकरणों के लिहाज़ से महत्वपूर्ण हो सकता है. हुड्डा और उनकी पार्टी कांग्रेस इस मामले को राजनीतिक रूप देने की कोशिश कर सकती है. खट्टर का निष्पक्ष रुख इस खतरे से बचाव करने का प्रयास माना जा सकता है.
पंजाब के पूर्व सांसद के बयान पर खट्टर का कड़ा रुख
पंजाब के पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान द्वारा बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत के बारे में किए गए विवादास्पद बयान के बारे में खट्टर ने भाषा की मर्यादा का हवाला देते हुए अपना कड़ा रुख प्रकट किया. उन्होंने मान से अपील करते हुए कहा कि उनें भाषा का ध्यान रखना चाहिए.
मान के बयान का राजनीतिक परिणाम
सिमरनजीत सिंह मान के बयान का राजनीतिक परिणाम विवादास्पद रहा है. उनके इस बयान ने भाजपा और कांग्रेस दोनों में हिंसा और अराजकता को परोसने का एक कॉमन मसला पेश किया है. खट्टर का मान के बयान को नकारना इस मसले पर अपने मत को स्पष्ट करने का एक प्रयास है.
निष्कर्ष
हरियाणा में 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक जंग कई मोर्चों पर लड़ी जा रही है. सीएम खट्टर की चुनावी रणनीति काफी मजबूत है, और वे अपनी चुनावी जीत के लिए हर संभव प्रयास करने में लागे हुए हैं. पार्टी की तरफ़ से चुनावों के लिए जो भी निर्णय लिए जाएंगे, सीएम खट्टर अपना पूर्ण समर्थन देने को तैयार हैं.
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