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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि होली का त्योहार हर्ष उल्लास और रंगों का पर्व माना जाता है। लेकिन भाजपा सरकार को यह गंवारा नहीं कि सामान्य व्यक्ति भी यह पर्व हंसी खुशी मना सके। प्रशासकीय मशीनरी होली के रंग को बदरंग करने पर तुली है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को अपने जारी बयान में कहा कि वाराणसी से वृंदावन तक लाठी से पुलिसिया होली खेलने का नया दौर आया है। हजारों संविदा कर्मियों को कई-कई महीनों से वेतन नहीं दिया जा रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने और हाल में मुख्यमंत्री ने भी होली-दीवाली पर उज्‍जवला योजना के लाभार्थियों को मुफ्त में एक-एक गैस सिलेण्डर देने का वादा किया था। अभी तक तो गैस सिलेण्डर बंटे नहीं। जो सरकार होली जैसे बड़े त्योहार पर भी अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे सके उसे सत्ता में बने रहने का क्या अधिकार है। एक रंगी सोच वाले भाजपाइयों को बहुरंगी पर्व कैसे सहन होगा?

उन्होंने कहा कि कन्नौज जनपद भाजपा सरकार की आंखों में किरकिरी बन गया है। यहां तमाम विकास योजनाएं ठप्प हो गई हैं और भाजपा सरकार लगभग 10 हजार संविदा कर्मियों के घरों पर अंधेरा करने पर उतारू है। यहां संविदा कर्मियों को कई-कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। स्वास्थ्य महकमे में कार्यरत संविदा कर्मियों को पिछले छह माह से वेतन नहीं मिला है। महज आश्वासन मिला, वेतन नहीं।

अखिलेश ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में मिड-डे-मील बनाने वाले रसोइयों को गत तीन माह से वेतन नहीं मिला। उन्हें मात्र दो हजार रुपये मासिक मिलता है वह भी समय से नहीं दिया जा रहा है। इसी तरह नगर पालिका और नगर पंचायतों में काम करने वाले सफाईकर्मी भी समय से वेतन न मिलने से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि कन्नौज में पावर सबस्टेशनों में कार्यरत बिजली कर्मचारियों को मानदेय नहीं मिला है। मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्स से भर्ती 350 कर्मचारियों को 6 माह से वेतन के लिए भटकाया जा रहा है। भाजपा सरकार ने नौजवानों को रोजगार के नाम पर सिर्फ धोखा दिया है। स्थाई रोजगार तो दूर की बात है अस्थायी व्यवस्था में भी उन्हें समय से वेतन अथवा मानदेय नहीं मिल रहा है।