उत्तर प्रदेश में राजनीतिक परिवारों में कलह और तलाक की खबरें तेजी से सामने आ रही हैं। यूपी के मंत्री दया शंकर सिंह और उनकी पत्नी व पूर्व मंत्री स्वाति सिंह के तलाक के बाद अब पूर्व मंत्री और यूपी विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच विवाद सुर्खियां बटोरता जा रहा है। राजा भैया ने दिल्ली के साकेत स्थित फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी है। उनकी 28 साल पुरानी शादी को खत्म करने की याचिका पर 23 मई को सुनवाई होगी। सुनवाई सोमवार को स्थगित कर दी गई, क्योंकि पारिवारिक अदालत की न्यायाधीश शुनाली गुप्ता छुट्टी पर थीं। भानवी सिंह के वकील ने भी जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।
राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच मतभेद तब सामने आने लगे जब उन्होंने राजा भैया के करीबी सहयोगी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ इस साल फरवरी में दिल्ली में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई। भानवी ने अपनी एफआईआर में दावा किया है कि अक्षय ने धोखे से अपने सहयोगी को उसके स्वामित्व वाली फर्म में निदेशक के रूप में नियुक्त किया। उसने दावा किया कि वे उसकी कंपनी को हड़पना चाहते थे। भानवी ने कहा कि उन्होंने निदेशक नियुक्त करने के लिए उनके जाली हस्ताक्षर किए और फर्जी दस्तावेज बनाए।
हालांकि बाद में राजा भैया ने पत्रकारों से कहा कि अक्षय ने कुछ भी गलत नहीं किया है और वह उनके साथ हैं। राजा भैया के करीबी लोगों का दावा है कि भानवी पिछले तीन सालों से दिल्ली में रह रही है, यह इस बात का संकेत है कि दंपति के बीच कुछ ठीक नहीं थीं। सूत्रों ने पुष्टि की, कि परिवार के सदस्यों और दोस्तों ने दोनों के बीच मतभेदों को सुलझाने के कई प्रयास किए, लेकिन सभी व्यर्थ किए। राजा भैया और भानवी सिंह ने सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने के दो साल बाद फरवरी 1995 में शादी कर ली। सूत्रों के मुताबिक, तलाक की अर्जी में राजा भैया ने कहा है कि उनकी पत्नी ने न सिर्फ घर छोड़ा बल्कि साथ रहने से भी इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि भानवी ने अक्षय पर झूठे आरोप लगाए और परिवार के सदस्यों के बीच विवाद पैदा किया जो उनके प्रति मानसिक और भावनात्मक क्रूरता को दर्शाता है।
राजा भैया और भानवी के चार बच्चे हैं – दो बेटियां और जुड़वां बेटे। सबसे बड़ी बेटी राघवी का जन्म 1996 में हुआ। दूसरी बेटी बृजेश्वरी का जन्म 1997 में हुआ। राघवी शूटर हैं। जुड़वां बेटे शिवराज और बृजराज का जन्म 2003 में हुआ था। 1993 से सक्रिय राजनीति में राजा भैया कुंडा से लगातार 7वीं बार विधायक हैं। यूपी की राजनीति में उनका दबदबा उनके गृह जिले प्रतापगढ़ से भी आगे तक है। उन्होंने कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह और अखिलेश यादव सरकारों में मंत्री के रूप में कार्य किया है। वह अब अपने स्वयं के जनसत्ता दल के प्रमुख हैं।