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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: एक गहन विश्लेषण

यह लेख मुंबई में पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले पर केंद्रित है। इस घटना ने महाराष्ट्र में सदमे की लहर पैदा कर दी और कई सवाल खड़े किए हैं। इस लेख में हम इस घटना की विस्तृत जाँच, गिरफ्तारियों, और आगे की जाँच की दिशा पर प्रकाश डालेंगे।

हत्याकांड की पृष्ठभूमि और घटनाक्रम

पूर्व नियोजित हमला:

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बाबा सिद्दीकी की हत्या एक सुनियोजित हमला था जिसकी योजना दो महीने से भी पहले बना ली गई थी। हमलावरों ने सिद्दीकी की गतिविधियों पर लगातार नज़र रखी और उनके ठिकाने की जानकारी जुटाई। यह खुलासा करता है कि हत्याकांड को अंजाम देने वाले लोग पेशेवर हत्यारे हो सकते हैं जो एक सुपारी लेकर काम करने वाले हैं। इसमें ‘ठेके की हत्या’ का एंगल सामने आया है जहाँ हत्यारों को मारने के लिए भुगतान किया गया था। ये सबूत बताते हैं कि घटना यादृच्छिक नहीं बल्कि एक सुनियोजित षड्यंत्र था। पुलिस की जांच इसी दिशा में आगे बढ़ रही है।

हथियारों की प्राप्ति और भुगतान:

तीन आरोपियों को हत्या से कुछ दिन पहले ही प्रीपेड कूरियर से हथियार मिले थे। पुलिस के मुताबिक, इन्हें इस काम के लिए 50,000 रुपये मिले थे। यह और भी स्पष्ट करता है कि यह कोई अचानक या आवेगी घटना नहीं थी बल्कि एक अच्छी तरह से नियोजित षड्यंत्र था जिसमें सभी पहलुओं पर विचार किया गया था। यह पेशेवर ठेके की हत्या की ओर इशारा करता है जहां प्रत्येक विवरण पहले से योजनाबद्ध था। प्रीपेड कूरियर सेवा के उपयोग से पता चलता है कि हमलावरों ने अपना काम छुपाने के लिए सावधानी बरती।

आरोपियों का आपराधिक इतिहास:

तीन आरोपियों में से दो को गिरफ़्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों के आपराधिक इतिहास से पता चलता है कि वे पंजाब की जेल में एक-दूसरे से मिले थे। इस बात की जाँच चल रही है कि क्या उनकी गिरोह से कोई सम्बन्ध था या इस हत्या में और कौन लोग शामिल थे। इस तथ्य से यह साफ़ होता है कि इस घटना में केवल ये तीनों आरोपी ही शामिल नहीं थे। पुलिस की यह कोशिश जारी है की अन्य संदिग्धो को ढूंढा जाये और हत्या के पीछे के षड्यंत्र का पता लगाया जाये।

जांच और गिरफ्तारियां

गिरफ्तार आरोपी और उनसे जुड़े तथ्य:

दो आरोपियों, करनैल सिंह (हरियाणा) और धर्मराज कश्यप (उत्तर प्रदेश), को गिरफ़्तार किया गया है। पूछताछ में, उन्होंने खुद को कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जोड़ा है। हालाँकि, बिश्नोई गिरोह से जुड़े होने की सच्चाई की जांच अभी जारी है। तीसरे आरोपी की तलाश जारी है जिसमे उत्तर प्रदेश पुलिस से मदद मांगी गयी है। ये गिरफ्तारियां पुलिस जांच में एक बड़ी सफलता हैं।

घटनास्थल और साक्ष्य:

हत्या दशहरा उत्सव के दौरान हुई जब सिद्दीकी के बेटे के कार्यालय के बाहर पटाखे फोड़े जा रहे थे। हमलावरों ने पटाखों की आवाज़ का फायदा उठाकर हत्या को अंजाम दिया। घटनास्थल से 9.9 मिमी पिस्टल के गोली के खोल बरामद किए गए हैं जो हत्या के हथियार की पुष्टि करते हैं। यह नियोजित हमले के सबूत है। कई गवाह और सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल मामले की जांच करने में किया जा रहा है।

सुरक्षा और राजनीतिक पहलू

बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा और पूर्व में मिली धमकी:

बाबा सिद्दीकी को 15 दिन पहले ही जान से मारने की धमकी मिली थी, जिसके बाद उन्हें ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी। लेकिन यह सुरक्षा पर्याप्त साबित नहीं हुई। सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की चूक के पहलू का भी अध्ययन किया जा रहा है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और सरकार की भूमिका:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना पर दुख जताया और तेजी से सुनवाई के लिए वादा किया। उन्होंने तुरंत गिरफ्तारियों की पुष्टि की और जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए। राज्य सरकार द्वारा एक राज्य सम्मान के साथ बाबा सिद्दीकी के अंतिम संस्कार के आयोजन ने इस घटना की गंभीरता और महत्व को और स्पष्ट किया। यह दर्शाता है कि इस घटना को गंभीरता से लिया गया है और सरकारी तंत्र भी इसके प्रति गम्भीर है।

निष्कर्ष और आगे की कार्रवाई

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की गहन जांच जारी है। पुलिस सभी पहलुओं, जिनमें ठेके की हत्या का एंगल भी शामिल है, की जाँच कर रही है। इस मामले में तीसरे आरोपी को पकड़ना और पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश करना बेहद ज़रूरी है। इस घटना से संबंधित कई महत्वपूर्ण सवालों के उत्तर अभी भी बाकी हैं जिनके जवाबों का इंतज़ार है।

टेक अवे पॉइंट्स:

  • बाबा सिद्दीकी की हत्या एक पूर्व नियोजित हमला थी, जिसमें ठेके की हत्या का शक है।
  • तीन आरोपियों में से दो को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीसरे की तलाश जारी है।
  • हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार प्रीपेड कूरियर से भेजे गए थे।
  • इस घटना में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का संभावित संबंध भी सामने आया है, जिसकी जांच अभी जारी है।
  • महाराष्ट्र सरकार ने मामले में त्वरित जांच और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।