img

BCI On Same-Sex Marriage: समलैंगिक विवाह भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है। कोर्ट में समलैंगिक विवाह को लेकर सुनवाई चल रही है। देश में कई लोग इस विवाह के पक्ष में हैं तो कई लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। बीते दिनों तृणमूल नेता ने समलैंगिक विवाह का समर्थन किया वहीं अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने इसका विरोध किया है। 

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने समलैंगिक विवाह के परिपेक्ष्य में सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा- इस तरह के संवेदनशील मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही हैं यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए खतरा साबित होगा। यह मामला विधायिका के पास छोड़ देना चाहिए। वकीलों के संगठन ने प्रस्ताव में कहा – भारत विविधताओं वाला देश है। समलैंगिक विवाह भविष्य की पीढ़ियों को प्रभावित करेगा। इससे सामाजिक-धार्मिक और धार्मिक मान्यताओं पर प्रभाव देखने को मिलेगा। इस विषय पर फैसला विधायिका के पास छोड़ देना चाहिए। 

उन्होंने आगे कहा – विधायिका जो भी कानून बनाती है वह भविष्य को ध्यान में रखकर बनाये जाते हैं। क्योंकि विधायिका काफी विचार-विमर्श के बाद इस निर्णय पर पहुँचती है। विधायिका लोगों के प्रति जबाबदेह है। मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है आज देश व्यक्ति अपनी संतान के भविष्य को लेकर चिंतित है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दावा किया कि देश के 99.9 प्रतशित लोग नहीं चाहते की देश में समलैंगिक विवाह को मंजूरी मिले। बता दें ख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।