पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने पार्टी में अराजक स्थितियों के कारण कांग्रेस छोड़ दी थी। आगे उन्होंनेन कहा, त्रिपुरा में हिंसा और भ्रष्टाचार के लिए भाजपा और माकपा दोनों ही बराबर जिम्मेदार हैं। रोड शो के बाद चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि लोगों को राहत देने के लिए उनकी तृणमूल एकमात्र वैकल्पिक पार्टी है क्योंकि कांग्रेस माकपा की बी-टीम है।
उन्होंने कहा, कई साल पहले मैंने कहा था कि कांग्रेस सीपीआई-एम की बी-टीम है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में गठबंधन किया, अब वे त्रिपुरा में भी यही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपचार, शिक्षा या किसी अन्य उद्देश्य के लिए त्रिपुरा के लोगों का हमेशा बंगाल में स्वागत है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने भाजपा और केंद्र सरकार का नाम लिए बगैर कहा कि वह देश और लोगों के भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं और हाल के बजट में लोगों को ठगने के लिए कई चीजों को अपनाया है। बनर्जी ने कहा कि बंगाल और त्रिपुरा दोनों की संस्कृति, भाषा, खान-पान और पहनावा एक जैसा है और बंगाल हमेशा त्रिपुरा के साथ खड़ा रहेगा।
त्रिपुरा में भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने बहुत कुछ करने का वादा किया था, लेकिन पांच साल तक उन्होंने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में सत्ता में आने के बाद तृणमूल पश्चिम बंगाल की तर्ज पर त्रिपुरा का विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि, हम त्रिपुरा में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग संस्थान, उद्योग, सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले स्कूल, कॉलेज और व्यापार केंद्र स्थापित करेंगे। बीजेपी हमेशा डबल इंजन का जिक्र करती है, दरअसल उनके पास दो इंजन हैं- ईडी और सीबीआई। जब सभी विकल्प विफल हो गए, तो उन्होंने (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार) विरोधियों के खिलाफ सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल किया। लेकिन भाजपा को पता होना चाहिए कि तृणमूल किसी भी दबाव में नहीं झुकेगी। हम उनके खिलाफ और लोगों के विकास और कल्याण के लिए अंत तक लड़ेंगे।
अपनी सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर त्रिपुरा में तृणमूल सत्ता में आती है तो ये सभी योजनाएं राज्य में शुरू की जाएंगी। सभा को संबोधित करते हुए तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जब भी आवश्यकता होगी वह भाजपा की साजिशों का सफाया करने और उनकी हिंसा को रोकने के लिए त्रिपुरा आएंगे।
उन्होंने कहा, तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर किसी अन्य दल में भाजपा की आक्रामक गतिविधियों को मात देने की हिम्मत नहीं है और यह पिछले साल त्रिपुरा में स्थानीय निकायों के चुनाव में स्पष्ट था। तृणमूल कांग्रेस ने 60 सीटों में से तीन महिलाओं सहित 28 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। पार्टी ने वरिष्ठ वकील अनंत बनर्जी को मुख्यमंत्री माणिक साहा के खिलाफ बारडोवली निर्वाचन क्षेत्र से उतारा है, जबकि पार्टी के हबील मिया धनपुर सीट से केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
तृणमूल ने सबरूम निर्वाचन क्षेत्र में माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा, लेकिन कैलाशहर सीट पर त्रिपुरा राज्य कांग्रेस अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा के खिलाफ एमडी अब्दुल मतीन को उतारा।