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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Union Home Minister Amit Saha) ने शनिवार को कहा कि भाजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Bihar Chief Minister Nitish Kumar) के लिए अपने दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए हैं। शाह ने पश्चिम चंपारण जिले के लोहरिया गांव में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, बीजेपी ने नीतीश कुमार(Bjp Nitish Kumar) के लिए दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए हैं। नीतिश कुमार एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो हर तीन साल में प्रधानमंत्री(prime minister) की कुर्सी के बारे में सपने देखते हैं और ‘पलटीमार’ रणनीति का सहारा लेते हैं। उन्होंने पिछले साल अगस्त में भी ऐसा ही किया था और उनके पास गए थे, जिनका हमारा एनडीए शुरू से ही विरोध कर रहा था। हमने अब फैसला कर लिया है। शाह ने कहा, 2020 के विधानसभा चुनावों(vidhansabha election) के दौरान, राज्य के लोगों ने भाजपा(BJP)को राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बना दिया था। लेकिन हमने अपने वादे का सम्मान किया और मुख्यमंत्री की कुर्सी नीतीश कुमार(chief minister Nitish kumar) को दी, लेकिन उन्हें गोल पोस्ट बदलने की आदत है।

हमेशा जंगलराज के खिलाफ मुखर रहे नीतीश कुमार अब अपने जनक की गोद में बैठे हैं। भाजपा(bjp) 2025 में बिहार(bihar) में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी और यह प्रक्रिया 2024 में शुरू होगी। मैं राज्य के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे भाजपा को लाएं और जंगलराज लाने वालों को बाहर करें। शाह ने कहा, “नीतीश कुमार(Nitish kumar) ने लालू यादव(Lalu yadav) को उनके बेटे तेजस्वी यादव(Tejaswi yadav) को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था, लेकिन तारीख नहीं बता रहे हैं। अगर उन्होंने वादा किया है, तो उन्हें तेजस्वी को सीएम(cm) पद की पेशकश की तारीख बतानी चाहिए। राजद नेता हर दिन मांग कर रहे हैं। तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे।”

सोनिया गांधी(soniya gandhi), लालू प्रसाद यादव(lalu prasad yadav), नीतीश कुमार(nitish kumar) ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि अगर ऐसा होता है तो कश्मीर घाटी में खून बहेगा। कश्मीर से धारा 370 हटाई गई। नदी तो छोड़िए, कश्मीर में किसी की एक पत्थर तक फेंकने की हिम्मत नहीं हुई। प्रधानमंत्री मोदी(Pm Narendra Modi) ने इतनी सावधानी से सब कुछ संभालने में कामयाबी हासिल की और देश को गौरवान्वित किया है। राजद और जद (यू) का गठबंधन तेल और पानी की तरह है जो कभी जुड़ नहीं सकता। प्रधानमंत्री पद हासिल करने और बिहार का बंटवारा करने के लिए नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस के साथ गए। बिहार में केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित कई परियोजनाएं हैं, जिनमें 15 हजार करोड़ रुपए की तीन राजमार्ग परियोजनाएं शामिल हैं। यूपीए सरकार के दौरान, केंद्र(central government) ने बिहार को 50,000 करोड़ रुपए दिए थे, जबकि नरेंद्र मोदी सरकार(modi government) ने 2014 से 1.09 लाख करोड़ रुपए का अनुदान दिया है।