पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के दावों का जोरदार खंडन किया। दावा था कि सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया और उनसे तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लेने के लिए चुनाव आयोग से कहने का अनुरोध किया। हालांकि बनर्जी ने एक बार भी अधिकारी का नाम नहीं लिया। उन्होंने राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा- मैंने सुना है कि मंगलवार को एक नए व्यक्ति ने एक जनसभा में दावा किया कि चुनाव आयोग द्वारा तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लेने के बाद मैंने उनके सर्वोच्च नेता अमित शाह को चार बार फोन किया था। अगर वे इसे साबित कर सकते हैं तो मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दूंगी। लेकिन अगर वह इन आरोपों को साबित नहीं कर सकते हैं, तो क्या वह जमीन पर अपनी नाक रगड़ेंगे?
उन्होंने एक सवाल उठाया कि क्या यह गलत संदेश गृह मंत्री के रूप में अमित शाह के इस्तीफे की उनकी मांग के कारण जानबूझकर दिया गया था, अमित शाह वे बयाव दिया था कि अगर भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की 42 में से 35 सीटों पर जीत हासिल करती है, तो मौजूदा राज्य सरकार 2025 से पहले ही गिर जाएगी।
बनर्जी ने कहा- यह सच है कि मैंने उनके इस्तीफे की मांग इसलिए की क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में उनका व्यवहार उनके पद के अनुरूप नहीं था। उनकी टिप्पणियां देश की संघीय लोकतांत्रिक प्रणाली के विपरीत थीं। इसलिए, मैंने उनके इस्तीफे की मांग की। भाजपा हमेशा तृणमूल कांग्रेस के बारे में लोगों को गलत संदेश देती है।
अधिकारी ने मंगलवार को हुगली जिले के सिंगूर में एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि चुनाव आयोग द्वारा तृणमूल से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लेने की घोषणा के तुरंत बाद, बनर्जी ने अमित शाह को 2024 के लोकसभा चुनाव तक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बरकरार रखने की अपील की। बनर्जी ने बुधवार को यह भी कहा कि उनकी पार्टी का नाम अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ही रहेगा। उन्होंने कहा, भाजपा चुनाव आयोग को प्रभावित कर सकती है। लेकिन हमारी पार्टी का नाम वही रहेगा।