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मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधानसभा का चुनाव एकजुटता के साथ लड़ने की तैयारी कर रही है और जो कार्यकर्ता नाराज हैं, असंतुष्ट हैं उन्हें भी मनाने की कोशिश जारी है। जमीनी असंतोष और रूठे को मनाने की मुहिम की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर है। वे विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और सीधे संवाद कर रहे हैं। इस दौरान दिग्विजय सिंह कई जगह न केवल भड़क रहे हैं बल्कि कार्यकर्ताओं से गुस्सा भी हो रहे हैं। खंडवा में तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिसको बोलना है उसे बोलने दीजिए बाकी कांग्रेस जाए भाड़ में।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राज्य की 66 सीटों की कमान संभाली है, जहां कांग्रेस को लंबे अरसे से जीत हासिल नहीं हुई है। वे उन क्षेत्रों का लगातार दौरा कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं की बैठक कर उनकी बातें भी सुन रहे हैं। साथ ही यह हिदायत दे रहे हैं कि पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाए उसका सभी लोग साथ दें ताकि इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बने।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खंडवा में कार्यकर्ताओं की बैठक में थे और विधानसभा स्तर के नेताओं को अपनी समस्याएं बताने और सुझाव रखने का मौका दिया जा रहा था। तभी वहां हंगामा शुरू हो गया, इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा, “पहले तो आप लोग शांत रहिए, हम लोग सब को सुनेंगे जिससे जो बोलना है बोलिएगा, बाकी भाड़ में जाए कांग्रेस। खंडवा वालों, यह क्या तरीका है आपका, तभी कांग्रेस की ऐसी हालत बना रखी है।”

पूर्व मुख्यमंत्री पहली बार गुस्से में नहीं आए हैं। इससे पहले बुरहानपुर में भी ऐसा ही एक मामला आया था जब अल्पसंख्यक नेता को मंच से नीचे उतर जाने को उन्होंने कहा था। इस बैठक में तय व्यवस्था के अनुसार वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक, जिला अध्यक्ष और महिला प्रमुख को मंच पर बैठना था। इसी दौरान ग्रामीण कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्ष और पार्षद अबरार भी मंच पर पहुंच गए। इस पर दिग्विजय सिंह ने मंच से ही उनसे सवाल पूछा कि यह कौन हैं, क्या यह युवक कांग्रेस के हैं। इस पर अल्पसंख्यक नेता के बारे में बताया गया तो दिग्विजय सिंह ने कहा कि आप यहां न बैठें, मंच के सामने बैठ जाएं। इस पर अल्पसंख्यक नेता यह कहते हुए नीचे उतरे कि आपको अल्पसंख्यकों की जरूरत नहीं है, इस पर दिग्विजय सिंह काफी गुस्सा हुए और यहां तक कह दिया आप यहां से चले जाइए, ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है।