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पिछले साल भारत में हेल्थटेक कंपनियों में कुल फंडिंग 55 फीसदी (साल-दर-साल) घटकर 1.4 अरब डॉलर रह गई, बुधवार को एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई। ग्लोबल एसएएएस-आधारित मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्शन के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 2.4 अरब डॉलर से 2022 में 606 मिलियन डॉलर, यानी 75 प्रतिशत की गिरावट के कारण निवेश में भारी गिरावट आई है। 2022 में सीड-स्टेज फंडिंग भी 52 प्रतिशत घटकर 75.2 मिलियन डॉलर हो गई।

हालांकि, 2022 में शुरुआती चरण की फंडिंग 26 प्रतिशत बढ़कर 743 मिलियन डॉलर हो गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 के दौरान हीथ टेक कंपनियों द्वारा जुटाए गए कुल फंड का 70.3 फीसदी साल की पहली छमाही में रिकॉर्ड किया गया। आगे कहा गया है, “फंडिंग विंटर, मौजूदा वृहद आर्थिक स्थिति और बढ़ती ब्याज दरों के कारण दुनिया भर के निवेशक अपना पैसा खर्च करने में अधिक सतर्क हो गए हैं। यह प्रवृत्ति भारत में भी हेल्थटेक क्षेत्र में देखी गई है।”

2021 में 10 की तुलना में 2022 में केवल दो 100 मिलियन डॉलर से अधिक फंडिंग राउंड हुए। डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म मेडीबडी ने क्वाड्रिया कैपिटल, लाइटरॉक इंडिया और अन्य से सीरीज सी फंडिंग राउंड में 125 मिलियन डॉलर जुटाए। उपभोक्ता पोषण मंच हेल्थ कार्ट ए91 पार्टनर्स और अन्य से सीरीज एच राउंड में 135 मिलियन डॉलर जुटाए। ऑनलाइन फार्मेसी टाटा 1एमजी 2022 में यूनिकॉर्न बनने वाला एकमात्र भारतीय हेल्थटेक प्लेटफॉर्म था।

केडब्ल्यूई बेटिलिगुनजेन एजी, एबीएम हेल्थ केयर इनवेस्टमेंट्स और अन्य की भागीदारी के साथ इसने टाटा डिजिटल के नेतृत्व में एक दौर में 40.8 मिलियन डॉलर जुटाए। इससे कंपनी का मूल्यांकन बढ़कर 1.3 अरब डॉलर हो गया, जिससे टाटा 1एमजी एक यूनिकॉर्न बन गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि टेलीमेडिसिन सेवा प्रदाता लिटस 2022 में सार्वजनिक होने वाली इस क्षेत्र की एकमात्र कंपनी थी।

बेंगलुरु और मुंबई में हेल्थटेक कंपनियों ने अब तक का अधिकतम निवेश (3.1 अरब डॉलर प्रत्येक) को आकर्षित किया, जिसके बाद गुरुग्राम (1.1 अरब डॉलर) का स्थान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिकोइया कैपिटल, एक्सेल और चिराटे वेंचर्स हेल्थटेक इंडिया सेगमेंट में अब तक के शीर्ष निवेशक हैं।