हरियाणा के नवगठित मंत्रिमंडल में किसी भी मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज नहीं होने की बात एक नई रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सभी 14 मंत्रियों की संपत्ति कम से कम 1 करोड़ रुपये से अधिक है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और हरियाणा इलेक्शन वॉच ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के सभी 14 मंत्रियों, जिसमें मुख्यमंत्री नयाब सिंह सैनी भी शामिल हैं, के स्वघोषित हलफ़नामों का विश्लेषण किया है।
हरियाणा मंत्रिमंडल: संपत्ति और आपराधिक रिकॉर्ड का विश्लेषण
आपराधिक मामलों की अनुपस्थिति
शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी मंत्री ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा नहीं की है। यह एक सकारात्मक पहलू है जो सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 2019 और 2021 में गठित मंत्रिमंडल में भी कोई मंत्री आपराधिक आरोपों का सामना नहीं कर रहा था। हालाँकि, 2014 में गठित मंत्रिमंडल में एक नेता के खिलाफ आपराधिक आरोप थे। इस बार 14 मंत्रियों ने शपथ ली है, जबकि 2019 में 12 और 2014 में 10 मंत्रियों ने शपथ ली थी। 2021 में 2019 के मंत्रिमंडल की संख्या बढ़ाकर 14 कर दी गई थी। यह परिवर्तन मंत्रिमंडल के आकार और संरचना में आए बदलाव को प्रदर्शित करता है। यह तुलनात्मक विश्लेषण मंत्रियों की पृष्ठभूमि और शासन के तरीकों में समय के साथ आए बदलावों की समझ प्रदान करता है।
करोड़पति मंत्रियों की बहुलता
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मंत्रिमंडल के सभी मंत्री करोड़पति हैं और उनकी औसत संपत्ति 3.082 करोड़ रुपये है। यह दर्शाता है कि मंत्रिमंडल में शामिल सदस्य आर्थिक रूप से समृद्ध पृष्ठभूमि से आते हैं। सबसे अधिक संपत्ति तौशाम निर्वाचन क्षेत्र से श्रुति चौधरी के पास है जिनकी संपत्ति 134.56 करोड़ रुपये है। वहीं सबसे कम संपत्ति राडौर निर्वाचन क्षेत्र से श्याम सिंह राणा के पास है, जिनकी संपत्ति 1.16 करोड़ रुपये है। यह विशाल अंतर विभिन्न मंत्रियों के आर्थिक पृष्ठभूमि और व्यवसायिक गतिविधियों में भारी विविधता को दर्शाता है। इसका अर्थ यह है कि मंत्रिमंडल में संपत्ति के स्तर के मामले में व्यापक विविधता मौजूद है।
शैक्षिक योग्यता और आयु
मंत्रिमंडल में से तीन मंत्रियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 12वीं कक्षा तक घोषित की है, जबकि 11 मंत्रियों ने स्नातक या उससे अधिक की शैक्षिक योग्यता होने की घोषणा की है। यह मंत्रियों के शैक्षिक पृष्ठभूमि में विविधता को उजागर करता है। चार मंत्री 31 से 50 वर्ष की आयु के बीच हैं, जबकि 10 मंत्री 51 वर्ष से अधिक आयु के हैं। सबसे बुजुर्ग राडौर से राणा हैं, जिनकी आयु 76 वर्ष है, इसके बाद अंबाला कैंट से अनिल विज हैं जिनकी आयु 71 वर्ष है। यह आयु संबंधी जानकारी मंत्रिमंडल के अनुभव और उम्र के विविध मिश्रण को दर्शाती है।
महिला प्रतिनिधित्व
मंत्रिमंडल में केवल दो महिला मंत्री हैं – 48 वर्षीय चौधरी और 45 वर्षीय आरती सिंह राव (अटेली)। पिछले मंत्रिमंडल में केवल एक महिला मंत्री थी। यह महिला प्रतिनिधित्व में मामूली वृद्धि को दर्शाता है, हालाँकि यह अभी भी महिलाओं को उचित रूप से शामिल करने के लक्ष्य से काफी कम है। इसके लिए सरकार को महिलाओं को सत्ता में भागीदारी बढ़ाने के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए।
मुख्यमंत्री और भाजपा की जीत
नयाब सिंह सैनी और उनके मंत्रिमंडल ने गुरुवार को पद की शपथ ली। यह दूसरी बार है जब वे राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं। वे पहली बार 12 मार्च, 2024 को हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे। भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है। भारी बहुमत से भाजपा सरकार की स्थिरता और निर्णय लेने की क्षमता का संकेत है।
निष्कर्ष:
- हरियाणा के नए मंत्रिमंडल में कोई भी मंत्री आपराधिक मामलों में शामिल नहीं है।
- सभी मंत्री करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 30.82 करोड़ रुपये है।
- मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता और आयु में विविधता है।
- महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी भी सीमित है।
- भाजपा ने विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है।