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Himanta Biswa Sarma Family Photo: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार (4 अगस्त) को उनकी फैमिली फोटो को लेकर कमेंट करने वालों को जवाब देते हुए कहा कि देखकर हैरानी होती है कि एक पारिवारिक फोटो को लेकर ऐसी बातें की जा रही हैं. पत्नी और बच्चों के साथ उनकी एक तस्वीर को लेकर ट्विटर यूजर्स ने कहा कि हिंदू वर्चस्ववादी नेता अपने बच्चों को विदेश में पढ़ने के लिए भेजते हैं और उन्हें कभी भी राइट विंग संगठनों में शामिल नहीं होने देते. इस पर हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ऐसा मानना गलत होगा कि उनका 22 साल का बेटा सही उम्र पर सही विकल्प नहीं चुनेगा.

हिमंत ने बुधवार (2 अगस्त) को फैमिली के साथ एक फोटो ट्विटर पर पोस्ट की थी, जिस पर कुछ यूजर्स ने कमेंट कर कहा, ‘हिंदूवादी वर्चस्ववादी नेता अपने बच्चों को विदेश में पढ़ने के लिए भेजते हैं, वे वेस्टर्न कपड़े पहनते हैं और एक लग्जरी लाइफ का आनंद लेते हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने बच्चों को ‘हिंदू खतरे में हैं’ के नाम पर बजरंग दल या दुर्गा वाहिनी या बीजेपी आईटी सेल में शामिल नहीं होने दिया.

क्या बोले हिमंत सरमा?
इस पर हिमंत ने जवाब दिया कि यह देखकर हैरानी होती है कि आपने एक फैमिली फोटो को सिर्फ देखकर ही इतने कठोर निष्कर्ष निकाल लिए. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमने 31 जुलाई को फैमिली डिनर के साथ रिनिकी का जन्मदिन मनाया. यह तस्वीर डिनर के बाद की है. सरमा ने कहा कि उनका बेटा अभी 22 साल का है और पढ़ाई कर रहा है. पहले से ही यह मान लेना गलत होगा कि वह सही उम्र पर सही विकल्प नहीं चुनेगा.

सरमा बोले. संगठन में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण जरूरी
उन्होंने यह भी कहा कि हमारे वैचारिक परिवार, जिसे आमतौर पर संघ परिवार कहा जाता है, के अंदर संगठनों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण की जरूरत होती है. हिमंत ने कहा, ‘बीजेपी आईटी सेल या हमारे वैचारिक परिवार के किसी संगठन में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है. संगठन में शामिल होना सिर्फ किसी नेता का बेटा या बेटी होने पर आधारित नहीं होना चाहिए. हमारे बच्चों के लिए संगठन में प्रवेश करना आसान होने के आपके सुझाव से ऐसा महसूस होता है कि आप वंशवादी उत्तराधिकार को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं.’