कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अब दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के एक हॉस्टल द्वारा नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस बीते दिनों उनके डीयू हॉस्टल दौरे से संबंधित है। दिल्ली विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएशन मेन्स हॉस्टल के अध्यक्ष (प्रोवोस्ट) केपी सिंह ने राहुल को यह नोटिस भेजा है। प्रशासन ने नोटिस में कहा है कि तीन वाहनों के साथ बिना किसी पूर्व सूचना के राहुल गांधी का हॉस्टल परिसर में प्रवेश तय नियमों का उल्लंघन है। नोटिस में छात्रावास की सूचना और नियमों का हवाला दिया गया है। इन नियमों के मुताबिक कोई भी निवासी हॉस्टल परिसर में अकादमिक और निवासी परिषद गतिविधियों के अलावा किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा।
राहुल गांधी ने बीते सप्ताह हॉस्टल का दौरा किया था। हॉस्टल प्रशासन का कहना है कि अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के यह दौरा किया गया। प्रशासन द्वारा जारी किए गए नोटिस में नोटिस में कहा गया है कि राष्ट्रीय पार्टी के जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त नेता का ऐसा आचरण मर्यादा से परे है। प्रशासन का कहना है कि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राहुल गांधी को समय रहते अपने इस दौरे से पहले विश्वविद्यालय या फिर हाउसफुल प्रशासन को सूचित करना चाहिए था।
गौरतलब है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में आम लोगों से मुलाकात करने के लिए बीते दिनों चार स्थानों पर जा चुके हैं। राहुल गांधी नई दिल्ली स्थित टिक्की चाट की एक दुकान पर गए थे। इसके बाद वह जामा मस्जिद इलाके में गए, जहां उन्होंने एक पुराने प्रसिद्ध रेस्टोरेंट में खाना खाया और इस दौरान लोगों से मुलाकात की। लोगों से मुलाकात के सिलसिले को जारी रखते हुए राहुल गांधी बीते दिनों दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके भी गए, जहां उन्होंने सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहे कई छात्रों से मुलाकात की थी।
इसी क्रम में राहुल गांधी ने बीते शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय स्थित पीजी मेंस हॉस्टल का भी दौरा किया। उन्होंने यहां कई छात्रों के साथ बातचीत की थी। इसके बाद राहुल गांधी ने छात्रों के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के हॉस्टल में लंच भी किया था। राहुल गांधी ने यहां छात्रों से रोजगार और बेरोजगारी के मुद्दों पर चर्चा की थी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में मुद्दों पर भी बात की थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हॉस्टल के अध्यक्ष केपी सिंह द्वारा राहुल गांधी को दो पेज का नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में हॉस्टल प्रशासन ने कहा है कि यह घटना एक तरह का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है। साथ ही प्रशासन ने राहुल गांधी से भविष्य में ऐसा कोई कदम न उठाने की अपील भी की है।