राजनीति– मोदी सरनेम मानहानी केस में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 वर्ष की सजा सुनाई। बीते दिन राहुल गांधी सूरत पहुंचे। राहुल गांधी तीन मुख्यमंत्री, बहन और कांग्रेस नेताओं के साथ सूरत गए। कोर्ट ने उनको राहत देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 13 अप्रैल कर दी है।
कई लोगों का कहना है कि उनका सूरत जाना कोई आम बात नहीं है। यह कांग्रेस का राजनीतिक दांव पेज है। कांग्रेस इससे जनता का सहानुभूति पाना चाहती है। क्योंकि यह दांव कांग्रेस द्वारा पहले भी खेला जा चुका है जब कांग्रेस का नेतृत्व पूर्व महिला प्रधान देश इंदिरा गांधी और उनके बाद सोनिया गांधी के हाथों में था।
राजनीतिक विशेषज्ञ का कहना है कि अगर राहुल को सहानुभूति मिलती है और जनता उनकी तरफ झुकाव दिखाती है। तो यह लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए समस्या बन सकते हैं। क्योंकि अगर छोटे दलों ने राहुल का साथ दिया और जनता राहुल से जुड़ गई तो चुनाव सींधे तौर पर बीजेपी बनाम राहुल गांधी का हो जाएगा।
क्या होगी कांग्रेस की रणनीति-
अगर कांग्रेस राहुल गांधी को मिली सजा और संसद से गई उनकी सदस्यता को हथियार बनाती है और इसके इर्द गिर्द अपनी राजनीति करती है तो यह राहुल को राजनीतिक लाभ दिलाए या न दिलाए लेकिन कांग्रेस को इसका लाभ जरूर मिलेगा।
कांग्रेस राहुल गांधी की छवि एक ऐसे नेता के रूप में दिखा रही है। जो संघर्ष कर रहा है। जो क्रूरता और आपने खिलाफ हो रहे व्यवहार से लड़ रहा है। जो केंद्र सरकार की तानाशाही से लड़ रहा है। जो जनता के लिए लड़ रहा है। जो बेरोजगारी और महंगाई पर लड़ रहा है। अगर कांग्रेस का यह पैतरा काम कर गया तो बीजेपी की नीति हल्की पड़ेगी और आरोप की आग में अगर किसी की रोटी फूलेगी तो वो कांग्रेस होगी।