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महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन सीट बंटवारे को लेकर अहम मोड़ पर है। गठबंधन के भीतर के सूत्रों ने पुष्टि की है कि कुल 288 सीटों में से 260 सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। यह समझौता गुरुवार को मुंबई में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद हुआ, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया।

सीट बंटवारे में सहमति और विवाद

260 सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने के बाद भी, 28 विवादास्पद सीटें अभी भी अनिर्णीत हैं। सूत्रों के अनुसार, इन सीटों पर बातचीत करना मुश्किल साबित हो रहा है क्योंकि तीनों मुख्य दल इन पर अपना दावा जता रहे हैं। MVA के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि आज और बातचीत होगी, और यदि आवश्यकता हुई तो शनिवार को भी बातचीत जारी रहेगी।

प्रमुख दलों की रणनीति

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गठबंधन ने कांग्रेस को 110 से 115 सीटें देने पर सहमति जताई है। हाल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन को बातचीत में प्रमुखता से उठाया गया। शिवसेना (उद्धव गुट) को 83 से 86 सीटें मिलने की संभावना है, जिसमें मुंबई और कोंकण क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) 72 से 75 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें पश्चिमी महाराष्ट्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अजित पवार गुट द्वारा पश्चिमी महाराष्ट्र में अधिकतम सीटें जीतने और शरद पवार के गुट को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों के कारण यहां कड़ा संघर्ष हो सकता है।

अनिर्णीत सीटें और छोटे दलों की मांग

अभी भी 20 से 25 सीटें ऐसी हैं जो विवाद का कारण बनी हुई हैं। इन सीटों पर तीनों दलों को जीत की संभावना दिख रही है। यह ओवरलैपिंग इंटरेस्ट ही वर्तमान गतिरोध का कारण है। सामाजिक पार्टी ने 12 सीटों की मांग की है, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन MVA ने आश्वासन दिया है कि छोटे दलों को समायोजित किया जाएगा। वाम दल और किसान-मजदूर पार्टी को भी 2-3 सीटें मिल सकती हैं।

क्षेत्रीय प्रभाव और पार्टी की मजबूती

गठबंधन में शामिल दल अपने-अपने क्षेत्रीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सीटों के बंटवारे पर जोर दे रहे हैं। शिवसेना (उद्धव गुट) मुंबई और कोंकण क्षेत्र में अधिक सीटों की मांग कर रही है। कांग्रेस विदर्भ क्षेत्र में अधिक सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) पश्चिमी महाराष्ट्र में अपना प्रभाव बनाए रखना चाहती है।

बैठकों में प्रमुख नेताओं की भूमिका

मुंबई की बैठक में कांग्रेस के नाना पटोले, बालासाहेब थोराट और विजय वडेट्टीवार, राकांपा के जयंत पाटिल, अनिल देशमुख और जितेंद्र आव्हाड और शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय राउत और अनिल देसाई जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए। हालांकि इन बैठकों में समाजवादी पार्टी को शामिल नहीं किया गया। कांग्रेस ने बुधवार को दिल्ली में 60 सीटों के लिए उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने के लिए संसदीय बोर्ड की बैठक की।

गठबंधन का भविष्य और राजनीतिक परिणाम

महाराष्ट्र के चुनावों का प्रभाव देश के बड़े राजनीतिक परिदृश्य पर भी पड़ेगा। सीट बंटवारे की कवायद चुनौतीपूर्ण है लेकिन MVA का लक्ष्य एकजुट विपक्ष बनाकर सत्ताधारी महायुति सरकार को चुनौती देना है। 28 विवादास्पद सीटों पर अंतिम निर्णय आने वाले दिनों में आ सकता है।

Takeaway Points:

  • MVA ने 260 सीटों के बंटवारे पर सहमति बना ली है।
  • 28 सीटें अभी भी विवाद में हैं।
  • कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) और राकांपा (शरद पवार गुट) के बीच क्षेत्रीय प्रभाव को लेकर तनाव है।
  • छोटे दलों को भी सीटें आवंटित की जाएंगी।
  • चुनाव परिणाम देश के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेंगे।