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Mahua Moitra Cash For Query Case: तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा बीते कई दिनों से सुर्खियों में बनी हुई हैं। ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में उनसे लगातार पूछताछ हो रही है। 2 नवम्बर को महुआ मोइत्रा इस मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सम्मुख पेश हुईं। महुला मोइत्रा से बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को अपनी संसद लॉगिन आईडी देने और उसके बदले पैसा लेने के संदर्भ में कई बड़े सवाल पूछे गए। महुआ मोइत्रा का दावा है कि लोकसभा एथिक्स कमेटी में उनसे कई आपत्तिजनक सवाल किये गए उनसे पूछा गया वह रात में किससे बात करती हैं। एथिक्स कमेटी के आपत्तिजनक सवालों से परेशान होकर विपक्षी सांसदों ने सदन से वर्कआउट किया। हालांकि विपक्षी सांसदों की इस गतिविधि पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि विपक्षी सांसदों का वॉकआउट करना महुआ के मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश है। 

कब हुई एथिक्स कमेटी के सम्मुख पेशी:

महुआ मोइत्रा की कल 11 बजे एथिक्स कमेटी के सामने पेशी हुई थी। एथिक्स कमेटी की अध्यक्षता बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर के पास थी। कमेटी में पांच सांसद विपक्ष के थे। महुआ मोइत्रा एथिक्स कमेटी के सामने पूरी तैयारी के साथ पेश हुई थीं। उनके हाथ में तीन बैग थे। महुआ मोइत्रा से तकरीबन एक घंटे तक एथिक्स कमेटी ने सवाल किये। लेकिन उसके बाद उन्होंने एथिक्स कमेटी का बहिष्कार किया और वहां से बाहर निकल गई। उनका कहना है कि कमेटी ने उनसे आपत्तिजनक सवाल किये। महुआ को विपक्ष के सांसदों का समर्थन मिला। समिति के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी और बसपा के दानिश अली सहित पांचों विपक्षी सांसदों ने महुआ के साथ कमेटी से वॉकआउट कर दिया। 

क्या बोले विपक्ष के सदस्य:

कांग्रेस के एन उत्तम कुमार रेड्डी, बसपा के दानिश अली और जद (यू) के गिरधारी यादव सहित विपक्षी सदस्यों ने कमेटी के अध्यक्ष सोनकर के व्यवहार पर सवाल उठाए। सभी ने मिलकर कहा- महिला के जीवन से जुड़े निजी सवाल पूछे गए। कमेटी अध्यक्ष किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं। जिस तरह के सवाल एक महिला से किये जा रहे वह बेहद बेहूदे और अशोभनीय थे। 

हालांकि अपना पक्ष रखते हुए सोनकर ने कहा- विपक्षी सांसद मुझपर इस तरह के आरोप इसलिए लगा रहे हैं ताकि वह महुआ मोइत्रा को बचा सकें। उन्होंने कहा कि महुआ से बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को लेकर ही सवाल किए गया। कमेटी की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि जब मोइत्रा से हीरानंदानी के हलफनामे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ‘क्रोधित, दंभ भरा और अहंकारी’ व्यवहार किया। 

क्या बोले निशिकांत दुबे :

एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा से पूछताछ करना चाहती है। लेकिन विपक्ष को इससे समस्या है। वह कमेटी के कार्य में बाधा डालने और कमेटी की छवि बिगाड़ने के लिए ऐसा कर रहे हैं। जो सबूत महुआ मोइत्रा के खिलाफ दिए गए हैं उनके बाद अब उनको कोई अन्य ताकत बचा नहीं सकती। कमेटी के अध्यक्ष ओबीसी समाज से आते हैं विपक्ष को यह बात हजम नहीं हो रही है।