Oppositon Unity Meeting: राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) नेता जयंत चौधरी बीते दिनों तब सुर्खियों में आ गए जब उन्होंने दिल्ली सर्विस बिल की वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और उन्होंने सीएम योगी से मुलाक़ात की। योगी से जयंत की मुलाक़ात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। सूत्र यह भी कह रहे हैं कि जयंत चौधरी जल्द ही इंडिया को छोड़ एनडीए का हिस्सा बन जाएंगे। हालाकि अभी तक जयंत ने इस बात की पुष्टि नहीं की है और वह मुंबई में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक का हिस्सा भी बनेंगे।
अगर जयंत एनडीए से जुड़े तो इण्डिया का क्या होगा –
विपक्षी गठबंधन इंडिया पहले ही जनता की निगाह में चढ़ा हुआ है। बीजेपी बार-बार दावा कर रही है कि यह सिर्फ एक कोशिश है। उन्होंने हाथ मिलाया है लेकिन उनके विचार नहीं मिलते। यह गठबंधन जनहित में नहीं अपने हित में बनाया गया है। विपक्ष के गठबंधन की उम्र बहुत अधिक नहीं है। वही अब ऐसे में अगर जयंत चौधरी बीजेपी यानी एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनते हैं तो यह विपक्ष के लिए समस्या खड़ी कर सकता है।
विपक्ष एकता पर जो सवाल बीजेपी ने उठाए हैं वह सत्य हो जायेगे। वही जनता के बीच एक निगेटिव संदेश जाएगा कि जिन पार्टियों का गठबंधन बीजेपी को हराने के उद्देश्य से बना है। वह पार्टियां पद की अभिलाषा में कभी भी इण्डिया को छोड़ एनडीए का हिस्सा बन सकती हैं।
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