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राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने 27 और 28 फरवरी को अपनी बैठक निर्धारित की है, जिसमें 12 सांसदों द्वारा विशेषाधिकार के कथित हनन पर चर्चा होने की संभावना है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को विशेषाधिकार हनन के कई मामले समिति को भेजे थे। हालांकि आधिकारिक एजेंडा अभी तक प्रसारित नहीं किया गया है। सभापति धनखड़ ने समिति को भेजे मामले में उच्च सदन के 12 सदस्यों द्वारा कथित रूप से निर्देशों का पालन न करने के साथ-साथ नियम 267 के तहत विशेषाधिकार समिति को एक जैसा नोटिस बार-बार दिए जाने का जिक्र किया था।

राज्यसभा के एक बुलेटिन में कहा गया है, “सदस्यों को सूचित किया जाता है कि राज्यसभा के सभापति ने नियम 267 के तहत एक समान नोटिस बार-बार प्रस्तुत करने की तुलना में सभापति के निर्देशों का पालन न करने से उत्पन्न विशेषाधिकार के कथित हनन के एक प्रश्न का जिक्र किया है। सभापति ने विशेषाधिकार समिति को नियम 203 के तहत राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के कार्य संचालन की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।”

राज्यसभा ने बजट सत्र के दौरान सदस्यों द्वारा प्रदर्शित घोर अव्यवस्थित आचरण के कारण विशेषाधिकार के कथित हनन के प्रश्न का उल्लेख किया है। समिति को जिन सदस्यों के मामले भेजे गए हैं, उनमें संजय सिंह, शक्तिसिंह गोहिल, सुशील कुमार गुप्ता, संदीप कुमार पाठक, नारनभाई जे. राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल. हनुमंतैया, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशाम और रंजीत रंजन शामिल हैं। कहा गया है कि राज्यसभा में उनका आचरण उच्च सदन के नियमों और शिष्टाचार का उल्लंघन था, क्योंकि वे बार-बार परिषद के वेल में घुस गए, नारे लगाए और सदन की कार्यवाही को लगातार और जानबूझकर बाधित किया।