कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान (Rajasthan) में जन संघर्ष यात्रा निकाली है. सोमवार (15 मई) को यात्रा का पांचवा और आखिरी दिन था. उन्होंने इस दौरान कहा कि मेरे काम करने के तरीके पर, मेरी निष्ठा पर मेरे घोर विरोधी भी उंगली नहीं उठा सकते. मैं किसी पद पर रहूं या नहीं रहूं, मैं राजस्थान की जनता की सेवा अंतिम सांस तक करता रहूंगा. मैं डरने वाला नहीं हूं.
महीने के आखिर में अगर तीनों मांगे नहीं मानी गई तो युवाओं के लिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन करूंगा. हम गांव में हर जगह जनता के साथ पैदल चलेंगे. मैंने कभी किसी पर आरोप नहीं लगाया किसी के खिलाफ बुरा शब्द नहीं निकाला. आप मुझे गाली दो, आरोप लगाओ मुझे चिंता नहीं. जनता ही जनार्दन होती है. जिन बच्चों के पेपर रद्द हो गये वो हताश होते हैं, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं.
“जो भी कुर्बानी देनी पड़ेगी दूंगा”
पायलट ने कहा कि जनता का समर्थन मेरे मुद्दे को मिला है. मैं एक वादा करना चाहता हूं कि मैं लंबे समय से राजनीति कर रहा हूं. यात्रा में बहुत साथी साथ चले और मैं कहना चाहता हूं कि आखिरी सांस तक प्रदेश की जनता की सेवा करता रहूंगा. राजनीति सिर्फ पद के लिए नहीं होती, जो भी कुर्बानी देनी पड़े तो दूंगा. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि जो पेपर लीक पीड़ित हैं उन्हें मुआवजा मिले, आरपीएस को भंग किया जाये, नये सिरे से चयन प्रक्रिया तय हो. वसुंधरा सरकार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच हो.
“हमारा संघर्ष किसी नेता के खिलाफ नहीं”
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारा संघर्ष किसी नेता के खिलाफ नहीं है. ये भ्रष्टाचार के खिलाफ है. राजस्थान में हमारी सरकार हटी थी तब कांग्रेस की बहुत कम सीट थी. तब मुझे कहा गया कि आपको कांग्रेस का अध्यक्ष बनना है. हमने पांच साल एकजुट होकर काम किया. वसुंधरा राजे के शासन में जो भ्रष्टाचार हुआ उस पर हमने आरोप लगाया. जब हमारी सरकर बनी तो जो हमने कहा था वो हमने किया, लेकिन जो आरोप हमने लगाया था उसको आज साढ़े चार साल हो गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
“राजस्थान की जनता समझदार है’
उन्होंने कहा कि मैं लगातार उन्हें पत्र लिखता रहा, गृह मंत्री को भी पत्र लिखा. मैंने अनशन भी किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. फिर मैंने सोचा कि इस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता के बीच जाना होगा. ये पेपर लीक होता कैसे है, पूरे तंत्र को बदलना पड़ेगा. हमारे युवाओं का जीवन अंधकार में चला जा रहा है. 20 से 25 लाख बच्चे हर साल गांव से शहर आते हैं, कोचिंग करते हैं. उनके मां बाप पेट काटकर फीस देते हैं. उनके पेपर कैंसिल हो जाते हैं, पेपर लीक हो जाते हैं, उम्र निकल जाती है. युवाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं तो देश भी सुरक्षित नहीं. राजस्थान की जनता समझदार है वो सब सही गलत समझती है.
source- abp news