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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि सोनिया गांधी पिछले दो दशकों से अपने बेटे राहुल गांधी को राजनीति में जमाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन सोनिया गांधी के प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला है। सीएम सरमा भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार के लिए बेंगलुरु में हैं। सीएम ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।

सीएम ने कहा, उनकी मां को राहुल गांधी की चिंता है कि उन्हें मजबूती से कैसे राजनीति में जमाया जाए। इसके लिए सोनिया गांधी पिछले 20 वर्षों से इसके लिए अकेले लड़ रही हैं। राहुल गांधी कर्नाटक में प्रचार कर रहे हैं और कांग्रेस के सत्ता में आने पर राज्य में बेरोजगार युवाओं को 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया है। उन्होंने यह भी वादा किया है कि आगामी कांग्रेस सरकार किसानों के कल्याण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।

कांग्रेस के शीर्ष नेता पर हमला बोलते हुए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ”आज राहुल गांधी कर्नाटक के लोगों को गारंटी दे रहे हैं। लेकिन उनकी गारंटी कौन लेगा? एक दिन वह लंबी दाढ़ी के साथ दिखाई देते हैं और दूसरे दिन वह क्लीन शेव हो जाते हैं। कभी वह आलू बनाने वाली मशीनों की बात करते हैं तो कभी अन्य चीजों का जिक्र करते हैं।”

सीएम ने केरल की वायनाड सीट से पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी राहुल गांधी की आलोचना की। सीएम ने कहा कि केवल एक हार के बाद राहुल गांधी अमेठी और उत्तर प्रदेश छोड़कर केरल चले गए। पिछले पांच सालों में, वह कभी अमेठी नहीं गए। वहां के लोग अभी भी भ्रमित हैं कि उन्होंने इतने लंबे समय तक गांधी परिवार को वोट क्यों दिया।

असम के मुख्यमंत्री ने दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के चुनावी वादे पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि हिंदू कभी भी आतंकवादी नहीं होते। कांग्रेस, बजरंग दल की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से इसलिए करना चाहती थी ताकि पश्चिमी मीडिया को यह बताया जा सके कि हिंदू भी आतंकवादी होते हैं।