लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला (Loksabha Speakar Om Birla) ने संसद और विधानमंडलों में गतिरोध और हंगामे पर चिंता जताते हुए कहा है कि सहमति-असहमति लोकतंत्र(Democracy) की विशेषता है लेकिन सदन में गतिरोध देश के लिए सही नहीं है। उन्होंने संसद और विधानमंडलों को आरोप-प्रत्यारोप की बजाय चर्चा और संवाद का केंद्र बनाने की नसीहत देते हुए कहा कि जनता सब देख रही है। सिक्किम(sikkim) के गंगटोक(Gngtok)में आयोजित दो दिवसीय सीपीए भारत(cpa-India) क्षेत्र के 19वें वार्षिक जोन-3 सम्मेलन के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए लोक सभा अध्यक्ष(Loksabha speaker) ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को सदन के भीतर और बाहर अपने व्यवहार को संयमित और गरिमामय रखना चाहिए क्योंकि पूरा देश उनकी तरफ देखता है एवं वे जो कहते हैं, जो करते हैं, वह मिसाल बनती है। उन्होंने राजनीतिक विमर्श(political thinking) में असंसदीय व्यवहार एवं अवांछनीय शब्दावली के प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से लोकतान्त्रिक संस्थाओं(Democracy) में जनता का विश्वास क्षीण होता है।
बिरला(Loksabha speakar Om Birla) ने सम्मेलन में तीन विषयों पर हुई गहन चर्चा के बारे में बताते हुए कहा कि बैठक में संसद और विधान सभाओं को जनता के लिए अधिक सुलभ बनाना, मादक पदार्थों का सेवन और इस समस्या से निपटने हेतु भावी योजना और साइबर बुलिंग(Cyber bulling) के विषय में गहन चर्चा की गई है। उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में तकनीक में तेजी से बदलाव हो रहा है। संसद में महत्वाकांक्षी ‘डिजिटल संसद परियोजना(Digital Parliyament)’ पर कार्य चल रहा है, जिसका प्रमुख उद्देश्य संसद के कार्यकरण को लोगों के लिए और सुलभ बनाना तथा सांसदों एवं नागरिकों के बीच संपर्क का एक प्रभावी माध्यम बनाना है।
मादक पदार्थों(Alcohol) को पूर्वोत्तर भारत के साथ ही पूरे देश की समस्या बताते हुए बिरला (Om birla)ने कहा कि यह एक राष्ट्रीय समस्या (Ntional Problems) है, बॉर्डरलेस क्राइम(borderless crime) है, जो इस समस्या को अत्यंत चुनौतीपूर्ण बना देता है। पूर्वोत्तर राज्यों से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं(International Border) तथा पहाड़ी भूभाग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में क्षेत्र में नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार का खतरा अधिक है। इस खतरे से निपटने के लिए न केवल सभी ड्रग लॉ एंफोर्समेंट और खुफिया एजेंसियों के बीच बल्कि इस क्षेत्र के सभी सीमावर्ती जिलों तथा राज्यों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से नशा मुक्त भारत बनाने में सहयोग करने और इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाने और इसे जनांदोलन बनाने की भी अपील की। साइबर-बुलिंग पर बोलते हुए बिरला ने असम सरकार(Assam government)के सुरक्षा अभियान(protection policy) हेतु यू-रिपोर्ट, इंटरैक्टिव डिजिटल टूल(intractive digital tools) की प्रशंसा करते हुए इस पहल को अन्य राज्यों में भी लागू किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने और साइबर बुलिंग(cyber bulling) से निपटने के लिए कठोर कानून पारित किए जाएंगे।
बिरला(Om birla) ने सीपीए (CPA)भारत क्षेत्र जोन -3 की विधायी संस्थाओं के बीच नियमित चिंतन मंथन में सक्रिय भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि अपार संभावनाओं से परिपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र व्यापक चर्चा संवाद के माध्यम से क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान निकाल रहा है और देश की विकास यात्रा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। केन्द्र सरकार (CENTRAL GOVERNMENT)की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए किए गए कई महत्वपूर्ण फैसलों और क्षेत्र के लोगों के अथक प्रयासों के कारण गत कुछ वर्षों में इस क्षेत्र के आठ राज्यों ने अपनी विकास – यात्रा में लंबी छलांग लगाई है। दो दिवसीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य(SIKKIM GOVERNOUR LAKSHMAN PRASAD), सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह (SIKKIM CHIEF MINISTER PREM SINGH) तमांग, राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश(HARIVANSH) के साथ ही सीपीए भारत क्षेत्र जोन-3 में शामिल राज्यों के विधान सभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष मौजूद रहे।