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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने एक चौंकाने वाले बयान में कहा कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) का पार्टी के नाम-चिन्ह का फैसला ‘अस्वीकार्य’ है और मांग की कि एउक को ‘भंग’ कर दिया जाना चाहिए। ठाकरे मे मीडिया कॉन्फ्रेंस में पिछले शुक्रवार के चुनाव आयोग के फैसले को ‘गलत’ करार दिया और कहा कि उनकी पार्टी ने सोमवार को इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

ठाकरे ने कहा- इस तरह के अलोकतांत्रिक फैसले धन-बल के आधार पर नहीं लिए जा सकते..यह एक असंवैधानिक फैसला है। हम मांग करते हैं कि ईसीआई को भंग कर दिया जाए, एक निष्पक्ष चुनाव आयोग नियुक्त किया जाए और तब तक इसका काम सुप्रीम कोर्ट देखे।

उन्होंने नए राजनीतिक घटनाक्रम को भारतीय जनता पार्टी की शिवसेना को व्यवस्थित रूप से नष्ट करने की रणनीति करार दिया, पिछले शुक्रवार को, ईसीआई ने सीएम शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘असली’ शिवसेना घोषित किया था और इसे मूल पार्टी का नाम शिवसेना और तीर-धनुष का चुनाव चिन्ह दिया था, जिस वजह से ठाकरे गुस्से में हैं।

नाराज शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि नाम-चिन्ह को हड़पने के लिए 2000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई और आने वाले दिनों में इस पर और खुलासा करने की चेतावनी दी।