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देश– संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जब कहा कि जाति व्यवस्था ईश्वर की बनाई हुई नहीं है। इसे ब्राह्मण ने बनाया है। ईश्वर की नज़र में सभी समान है। उनके इस बयान पर ब्राह्मण समाज की प्रतिक्रिया आना आरम्भ हो गई है। ब्राह्मण समाज इस बयान का विरोध कर रहा है।

वहीं अब स्वामी शंकराचार्य निश्चलानन्द सरस्वती ने इसपर बयान देते हुए कहा, वर्णव्यवस्था ब्राह्मणों का उपहार है। सभी सनातनियों के पूर्वज ब्राह्मण थे। प्रथम ब्राह्मण का नाम है ब्रह्मा। आपको ग्रंथ पढ़ने की आवश्यकता है। सभी ग्रन्थ और विज्ञान ब्राह्मण से हैं। 
देश मे शिक्षा, रक्षा और अन्य सेवाओं का संतुलन बनाकर रखना आवश्यक है। यदि हम सनातन व्यवस्था को नहीं मानेंगे तो हम कोई भी व्यवस्था नहीं रह जाएगी। आरएसएस की न कोई अपनी किताब है और न ही उनको ज्ञान है। 
वर्ण व्यवस्था पंडितों में बनाई थी मूर्खो ने नहीं। आज भी लोग अपनी समस्याओं को लेकर हमारे पास आते हैं। पंडित के पास सभी समस्याओं का समाधान होता है। विदेशों में भी वर्ण व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है।