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उद्धव ठाकरे के शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने हाल ही में अपनी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली में महाराष्ट्र की सत्ताधारी महायुति पर कड़ा प्रहार किया। इस रैली में उद्धव ठाकरे ने कई मुद्दों को उठाया, जिनमें से सबसे प्रमुख थे- मौजूदा सरकार की कथित भ्रष्टाचार, महाराष्ट्र के विकास के प्रति उदासीनता और हिंदुत्व की राजनीति का अपना व्याख्या। इस लेख में हम उद्धव ठाकरे के दशहरा रैली भाषण के प्रमुख बिंदुओं का विश्लेषण करेंगे।

महाराष्ट्र की सत्ताधारी सरकार पर प्रहार

भ्रष्टाचार और विकास के मुद्दे

उद्धव ठाकरे ने अपनी दशहरा रैली में मौजूदा शिंदे सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने मुंबई में सड़क निर्माण जैसे कई विकास कार्यो में भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने मुंबई में सड़क निर्माण में कथित घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि बीते दो वर्षों में एक भी नई सड़क नहीं बनी, फिर भी करोड़ों रुपये के ठेके दिए गए। उन्होंने मुंबई महानगरपालिका आयुक्त को भी चेतावनी दी और कहा कि यदि संदिग्ध अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने महाराष्ट्र में उद्योगों के पलायन और रोजगार के अभाव पर भी चिंता व्यक्त की, और कहा कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास को नकार रही है और गुजरात जैसे राज्यों को प्रोत्साहन दे रही है।

हिंदुत्व पर राजनीति का आरोप

उद्धव ठाकरे ने शिंदे सरकार पर “अवसरवादी हिंदुत्व” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार बालासाहेब ठाकरे की विरासत को नहीं समझती है, और केवल राजनीतिक लाभ के लिए हिंदुत्व का इस्तेमाल करती है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार में सत्ताधारी “सच्चे हिंदुत्व के समर्थक नहीं” है। उन्होंने अपने भाषण में अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विरासत का जिक्र किया और कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि नैतिक भी है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्हें अपने समर्थन पर पूरा विश्वास है।

मुंबई का विकास और भविष्य पर चिंता

मुंबई की बिक्री का आरोप

आदित्य ठाकरे ने भी अपनी रैली में शामिल होकर मौजूदा सरकार पर मुंबई शहर के विकास में लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार अपने ठेकेदार मित्रों को लाभ पहुँचाने के लिए मुंबई को “बेच रही है”। उन्होंने मुंबईवासियों से एकजुट होकर इस सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया।

रोजगार और उद्योगों का पलायन

आदित्य ने महाराष्ट्र में रोजगार की कमी और उद्योगों के पलायन पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कम हैं और बड़े-बड़े प्रोजेक्ट गुजरात चले गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सत्ता में आने पर युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा करेगी।

उद्धव ठाकरे का महाभारत से तुलना

उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में महाभारत का जिक्र करते हुए भाजपा को कौरवों से और शिवसेना को पांडवों से तुलना की। उन्होंने कहा कि भाजपा ने शिवसेना के पूरे सहयोग के बाद भी सत्ता में आने के बाद उनकी उपेक्षा की।

निष्कर्ष और आगे की रणनीति

उद्धव ठाकरे ने अपनी दशहरा रैली में महाराष्ट्र की जनता से वादा किया कि वह महाराष्ट्र के हितों के लिए काम करेंगे और दिल्ली की ताकतों के आगे कभी नहीं झुकेंगे। उन्होंने भ्रष्टाचार और विकास के मुद्दों को अपनी रणनीति का केंद्र बिंदु बनाते हुए आगामी चुनावों में सत्ता में वापसी का एलान किया। आदित्य ठाकरे ने भी मुंबई के विकास और भविष्य को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की और सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।

टेकअवे पॉइंट्स:

  • उद्धव ठाकरे ने शिंदे सरकार पर भ्रष्टाचार और महाराष्ट्र के विकास के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया।
  • हिंदुत्व की राजनीति को लेकर भी उन्होंने मौजूदा सरकार पर सवाल उठाए।
  • आदित्य ठाकरे ने मुंबई के विकास और रोजगार के मुद्दों पर चिंता जताई।
  • उद्धव ठाकरे ने महाभारत का उदाहरण देकर भाजपा पर निशाना साधा।
  • शिंदे सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने और आगामी चुनावों में सत्ता में वापसी का संकल्प लिया गया।