राजनीति– बिहार (Bihar)विजय के लिए बीजेपी(BJP) ने अपनी कमर कस ली है। बिहार की जिम्मेदारी सम्राट चौधरी(Samrat Chaudhary) के कंधे पर है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी बिहार में इस बार सम्राट चौधरी(Samrat Chaudhary) को केंद्र में रखकर नीतीश सरकार(Nitish government) गिराने का ताना बाना तैयार कर रही है।
वहीं कल इस बात पर मुहर लग गई कि बिहार में बीजेपी की जीत की जिम्मेदारी सम्राट चौधरी के हाथ में है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें बीजेपी का अध्यक्ष बना दिया। इनसे पहले यह पद संजय जायसवाल के पास था।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्यालय प्रभारी अरूण सिंह इस बात की पुष्टि करते हुए कहते हैं वह बिहार में नेता प्रतिपक्ष हैं। उनकी इस पद पर नियुक्ति अचानक से की गई है। बीजेपी का कहना है कि हम अपनी पार्टी को बिहार में स्थापित करने की कोशिश में जुटे हैं।
हमारा उद्देश्य जनता का दिल जीतना और बिहार को विकास से जोड़ना है। हम अपनी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का सम्मान करते हैं। हमने यह निर्णय बिहार के विकास और राजनीतिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए लिया है।
कौन हैं सम्राट चौधरी-
सम्राट चौधरी बीजेपी के मजबूत नेता हैं। उनकी उम्र महज 53 वर्ष है। वह नौजवान हैं उनका अंदाज बुलंद हैं और जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ है। बीजेपी ने उनको अध्यक्ष की कमान मुख्य रूप से दो तमगों को देखते हुए दी गई है। बीजेपी सम्राट चौधरी की आड़ में एक तो कोइरी जाति को साधना चाहती है। वहीं दूसरा उनका बुलंद और आक्रमक रुख बीजेपी को काफी भाता है।
जानकारों का कहना है कि बीजेपी उनका उपयोग तेजस्वी यादव के खिलाफ कर सकती है। उनकी व तेजस्वी यादव की उम्र में कोई ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों समान उम्र के हैं और दोनों युवाओं को केंद्र में रखकर राजनीति करते हैं।
यह बात जगजाहिर है कि आगमी चुनाव में महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकते हैं। बीजेपी उनको टक्कर देने के लिए सम्राट चौधरी पर मुख्यमंत्री पद का दांव भी लगा सकती है। हालाकि अभी तक इस बात पर बीजेपी नेताओं की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है कि सम्राट चौधरी बिहार में बीजेपी के मुख्यमंत्री चेहरा होंगे या नहीं।