डेस्क। जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के एक बयान पर सूफी इस्लामिक बोर्ड ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है आपको बता दें बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी ने मदनी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि इस्लाम भारत का मूल मजहब ही नहीं है।
वहीं यहां का मूल मजहब सनातन है और जहां तक महमूद मदनी की बात है तो वह फतवे की फैक्ट्री हैं वहीं कशिश वारसी ने यह पलटवार मदनी के उस बयान पर भी किया है, जिसमें मदनी ने यह दावा किया था ये इस्लाम की धरती है। वहीं यहां इस्लाम बाहर से नहीं आया और उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में इस्लाम अरब से आया था।
बता दें सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी ने कहा है कि हिंदुस्तान का मूल मजहब सनातन है और इस्लाम सबसे पहले आने वाले मुसलमान लेकर आए थे। हजरत मतालतुल औलिया, मकर्बुर शरीफ एक बुजुर्ग आए उसके बाद हिंदुस्तान में अरब से कासिम बिन मालिक केरल में आए थे उसके बाद रसूले करीम सल्लह आला पाक के ख्वाजा गरीब नवाज यहां आए वहीं जिन्होंने इस्लाम को यहां आकर फैलाया और उनके ही किरदार से और अच्छे व्यवहार से इस्लाम यहां फैला है। आगे उन्होंने कहा कि आज देश में जो सरकार है वह किसी भी मुसलमान को बाहर का भी नहीं मानती।
बता दें सूफी इस्लामिक बोर्ड के प्रवक्ता कशिश वारसी ने महमूद मदनी को फतवा फैक्ट्री बताया है और यह कहा कि जब देखो वो एक फतवा जारी कर देते हैं।