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राजनीति एक ऐसा परिवार जहां कोई किसी का अपना नहीं है। आज जो आपके साथ है हो सकता है कल वही आपके खिलाफ हो। पल-पल यहां साथियों के रंग बदलते हैं। ठिकाने बदलते हैं और परिवार बदलते हैं। आज जो हमें एक विशेष राजनीतिक दल का सबसे विश्वसनीय सदस्य लगता है कल वहीं उस दल पर कटाक्ष करते मिलता है। यह हमारे लोकतंत्र का ही दम है जो राजनेताओं को आजादी से अपना राजनीतिक दल बदलने की आजादी देता है। हां ये सत्य है कि राजनेता अपने स्वार्थ के लिए ऐसा करते हैं। 

आज की राजनीति को अगर हम देखें तो यह ईमानदारी की छवि गढ़ने और जनता को लुभाने के लिए चलती है। प्रत्येक राजनेता मैदान में जनता को अपने जाल में फांसने के उद्देश्य से उतरता है। कोई जाति के नाम पर जनता को खुद से बंधता है। तो कोई धर्म के नाम पर। कोई स्वार्थ के लिए हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति करता है और मजे से जनता को लड़वाकर अपना वोट-बैंक मजबूत करता है।राजनेताओं का यह व्यवहार तो आम था। कि अब विपक्ष का नया रूप देखने को मिल रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है जब विपक्ष के नेताओं में एकजुटता का भाव दिखा। 
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की। राहुल का उद्देश्य था कि वह विपक्ष को एकजुट कर सकें और आगामी चुनाव में विपक्ष एकता का बल दिखे। राहुल गांधी का प्रयास अच्छा था कई राजनीतिक दल राहुल गांधी के साथ आए। लेकिन कई दलों ने राहुल गांधी से दूरी बनाने में अपना भला समझा। लेकिन जब बीते दिन राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हुई तो हड़कंप मच गया। सभी विपक्षी दलों का राहुल गांधी को भरपूर समर्थन मिला। विपक्ष के नेताओं ने इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या बताया।
वहीं ममता बनर्जी जिन्होंने सागरदिघी विधानसभा में हुए उपचुनाव में मिली हार से नाराज होकर कांग्रेस से दूरी बनाई थी। उनके व्यवहार में राहुल की सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस के प्रति नरम रुख देंखने को मिला। ममता बनर्जी ने विपक्ष से बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए एकजुट होने की अपील की। ममता बनर्जी ने भेदभाव पूर्ण रवैया के विरोध में आयोजित रैली में कहा 2024 का लोकसभा चुनाव जनता और बीजेपी के मध्य है।
ममता ने जब आग बबूला होकर कहा कि बीजेपी का अहंकार खत्म करना होगा। अब विपक्ष को एकजुट होना होगा। अब हमको दुशासन से छुटकारा पाना होगा और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सत्ता से दुशासन को हटाना होगा।
ममता के इस सख्त रुख पर राजनीतिक विशेषज्ञ का कहना है कि यह बीजेपी के लिए काल साबित हो सकता है। पश्चिम बंगाल में ममता जनता के ह्रदय में रहती हैं। वह एक शेरनी के रूप में उभरी हैं। अगर विपक्ष एक साथ आया और ममता ने मजबूती के साथ विपक्ष एकता में साथ निभाया तो यह समर्थन बीजेपी के लिए काल बन जाएगा। विपक्ष एकता बीजेपी की शाख हिला देगी।