राजनीति एक ऐसा परिवार जहां कोई किसी का अपना नहीं है। आज जो आपके साथ है हो सकता है कल वही आपके खिलाफ हो। पल-पल यहां साथियों के रंग बदलते हैं। ठिकाने बदलते हैं और परिवार बदलते हैं। आज जो हमें एक विशेष राजनीतिक दल का सबसे विश्वसनीय सदस्य लगता है कल वहीं उस दल पर कटाक्ष करते मिलता है। यह हमारे लोकतंत्र का ही दम है जो राजनेताओं को आजादी से अपना राजनीतिक दल बदलने की आजादी देता है। हां ये सत्य है कि राजनेता अपने स्वार्थ के लिए ऐसा करते हैं।
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