देश – मार्च का महीना चल रहा है यूपी की योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का मार्च में एक वर्ष पूरा हो गया है। इस उपलक्ष्य में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा – बीते छः साल में यूपी में बदलाव आया है आज प्रदेश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारी सरकार ने प्रदेश की छवि को बदला धारणा को तोड़ दिया है जिसमे यह कहा जाता था कि यूपी दंगा प्रदेश है। यूपी में तीसरे दिन दंगा होता है।
उत्तरप्रदेश जिसको लेकर लोगों के मन में भय रहता था। प्रदेश को लोग दंगा प्रदेश के नाम से जानते थे। परिवारवाद, भाई-भतीजावाद का बोलबाला था। हर तरफ भ्रष्टाचार से लिप्त लोग नजर आते थे। लेकिन आज प्रदेश दंगा मुक्त है। माफिया आज प्रदेश में भयभीत है। भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। वहीं ईद के मौके पर प्रदेश में शांति का वातावरण रहा कोई दंगा नहीं हुआ, सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी गई। कानून व्यवस्था का बोलबाला रहा। आज यूपी में प्रत्येक व्यक्ति जनता है कि यहां कानून का राज स्थापित है और कानून सभी के लिए समान है। बीते छः साल का आकड़ा देखें तो प्रदेश अब दंगा मुक्त प्रदेश बन गया है।
हालाकि योगी सरकार के कानून राज्य के दावे को विपक्ष ने कई दफा खारिज किया है। विपक्ष कई बार कहते देखा गया है यूपी में कानून का नहीं बंदूक का राज चलता है। वहीं अभी हाल ही में जब पुलिस निगरानी के बीच माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की गई तो विपक्ष योगी सरकार पर भड़क उठा। विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा – यूपी में जो हुआ वह कानून व्यवस्था को ध्वस्त करता है। मैं उत्तरप्रदेश में अराजकता और ध्वस्त कानून व्यवस्था से स्तब्ध हूँ। अपराधी अब बेख़ौफ़ हैं वह कानून के राज में अपनी मनमानी कर रहे हैं। मीडिया के सामने कत्ल हो रहा है। यह लोकतंत्र में स्वीकार नहीं किया जा सकता। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं – न्यायपालिका को अपराधी की सजा तय करने का अधिकार है. लेकिन ये अधिकार किसी भी सरकार, नेता या कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता है।