ज्योतिष एक ऐसा शब्द है जिससे वर्तमान समय में सभी लोग भली-भाँति परिचित हैं। यह एक ऐसी विद्या है जो अति प्राचीन विद्याओं में से एक मानी गई है। ज्योतिष के संदर्भ में एक पंक्ति प्रसिद्ध है ‘ज्योतिषां सूर्यादि ग्रहाणां बोधकं शास्त्र्म’ इसका मतलब यह हुआ कि ग्रह, नक्षत्र और समय का ज्ञान कराने वाले विज्ञान को ज्योतिष अर्थात ज्योति प्रदान करने वाला विज्ञान कहते हैं। एक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह रास्ता बतलाने वाला विज्ञान है अर्थात ज्योतिष के माध्यम से हम जीवन की सही दिशा का पता लगा सकते है क्योंकि सही दिशा मे की गई मेहनत ही सफलता दिलाती है।
भारतीय वैदिक ज्योतिष मूल रूप से नौ ग्रहों पर आधारित है। इसमें सात ग्रह मुख्य माने जाते हैं और दो को छाया ग्रह कहते हैं। सात मुख्य ग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि और छाया ग्रह राहु, केतु है।
ज्योतिष विज्ञान यह प्रमाणित करता है कि हमारे सौरमंडल में स्थित सूर्य के साथ-साथ सभी नौ ग्रहों एवं नक्षत्रों का मानव जीवन पर प्रभाव पड़ता है | यदि ज्योतिष को चमत्कार या अंधविश्वास न मानकर उसे अपने जीवन में सही ढंग से प्रयोग में लाया जाए तो वह बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
ज्योतिष केवल बाहरी विज्ञान की ही नहीं, जो भौतिक ब्रह्मांड की प्रकृति से संबंधित है बल्कि यह आंतरिक या आध्यात्मिक विज्ञानों में सबसे महत्वपूर्ण है जो मन और आत्मा से संबंधित है।
एस्ट्रोलॉजर सुमित तिवारी
एम. ए. ज्योतिष