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कई बार प्रेमियों के बीच अनबन हो जाती है या उनको लगता है कि उनके प्रेम में फीकापन आ गया है। ऐसे में कुछ खास तांत्रिक, वैदिक और टोटकों के उपायों से प्रेम की अनुभूति को बढ़ाया जा सकता है-

सहदेई की जड़ को कमर में बांधकर प्रेम की चाहत रखने वाली लड़की के पास जाने से उसका सम्मोहन बढ़ जाता है और वह वश में आ जाती है। इस तरह से प्यार के पनपने की शुरूआत हो जाती है।
सफेद अपराजिता की जड़ को गोरोचन के साथ पीसे हुए पदार्थ को तिलक के रूप में लगाकर प्यार के लिए पसंदीदा लड़की के पास जाने से उसके दिल में प्यार उमड़ पड़ता है और वह मन-मस्तिष्क से वशीभूत हो जाती है।
सफेद आक की जड़ को लाल धागे के साथ कमर में बांधकर प्रिय के पास जाने से उसके प्रेम में मधुरता आ जाती है।
प्यार करने वाले को चाहिए कि वे धतूरे के बीज को नारियल में कपूर के साथ मिलाकर पीस लें। इसका नियमित तिलक लगाएं। इसके प्रभाव से प्रेमिका के प्यार में जारा भी कमी नहीं आती है और उसके मन में कभी भी छोड़कर दूसरे के पास जाने के बारे में विचार तक नहीं आते है ।
भगवान विष्णु और लक्ष्मी की तीन महीने तक विधि के अनुसार पूजा करने और मंत्र जाप से सच्चे प्रेम की मानोकामना पूर्ण हो जाती है। इस पूजा का शुभारंभ शुक्ल पक्ष में गुरुवार के दिन से करनी चाहिए। उनकी सामान्य पूजन के बाद मंत्र ‘ओम लक्ष्मी नारायण नमः’ का तीन माला जाप तीन महीने तक लगातार किया जाना चाहिए। इसी के साथ तीन माह तक प्रत्येक गुरुवार को मंदिर में प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

प्रेम की चाहत, प्रेमिका की निष्ठा, सच्चाई और भावनात्मक माधुर्यता बनाए रखने के लिए भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में बांसुरी के साथ पान अर्पित करना चाहिए। ऐसा तब तक करना चाहिए जब तक कि प्रेमिका प्रेम को स्वीकार न कर ले। या कहें दिल को प्रेमिका के प्रेम का एहासास न हो जाए। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा के प्रेममय तस्वीर का ध्यान कर मंत्र ओम हुं ह्रीं सः कृष्णाय नमः का जाप करने से मनचाहा प्रेम विवाह संपन्न हो जाता है। इस मंत्र के जाप के बाद भगवान श्रीकृष्ण के ऊपर शहद का छिड़काव करें।

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