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महाशिवरात्रि का पर्व हिन्दू धर्म में बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा अर्चाना की जाती है।मान्यता है कि इस दिन शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि पर शिव जी के भक्त निर्जला व्रत रखते हैं। क्योंकि इसका बहुत विशेष महत्व बताया गया है।

माता पार्वती और शिव जी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। साथ ही सभी संकट दूर हो जाते हैं। माना जाता है कि अगर शिव की आराधना किसी भी रुप में हो कल्याणकारी होती है।

इस पर्व के मौके पर अगर आप अपनी राशि के अनुसार शिव जी का पूजन करेंगे तो आपको विशेष लाभ होगा साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होंगी।

शिव की आराधना में शिवाभिषेक का विशेष महत्व है। और अवसर महाशिवरात्रि का हो, तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। अलग-अलग फलों की प्राप्ति के लिए भगवान शिव का अभिषेक जल और दूध के अतिरिक्त कई तरल पदार्थों से किया जाता है।

आइए जानते हैं किस धारा के अभिषेक से क्या फल मिलता है  :

भगवान शिव को दूध की धारा से अभिषेक करने से मुर्ख भी बुद्धिमान हो जाता है, घर की कलह शांत होती है।

जल की धारा से अभिषेक करने से विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

घृत यानी घी की धारा से अभिषेक करने से वंश का विस्तार, रोगों का नाश तथा नपुंसकता दूर होती है।

इत्र की धारा चढ़ाने से काम सुख व भोग की वृद्धि होती है।

शहद के अभिषेक से टीबी रोग का नाश होता है।

गन्ने के रस से आनंद की प्राप्ति होती है।

गंगाजल से सर्वसुख व मोक्ष की प्राप्ति होती है।