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यूं तो साल में चार बार नवरात्र आते हैं लेकिन शारदीय नवरात्र अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है।
पुराणों के अनुसार इन नवरात्रि के दौरान अगर आपको कुछ खास संकेत मिलने लगें तो समझ लों कि मां लक्ष्मी के साथ समस्त ब्रहामाण्ड की शक्तियां आप पर मेहरबान हैं।

भारतीय संस्कृति में सोलह श्रृंगार को शुभता का संकेत माना गया है। जिस घर की महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, वहां सुख और समृद्धि अपना बसेरा बना कर वास करती है। नवरात्र में यदि किसी ऐसी महिला के दर्शन हो जाएं जो पूरे सोलह श्रृंगार किए हो तो उस दिन आपको हर काम में सफलता मिलेगी।

नवरात्र के मध्य सुबह के 6 बजे से 9 बजे के बीच यदि आपको कहीं नीलकंठ के दर्शन हो जाएं तो समझिए कि आप पर देव मेहरबान हैं और कोई बडा चमत्‍कार होने वाला है।

नवरात्र के दौरान सपने में कोई आप पर कानूनी मुकदमा चला रहा है, जिसमें वह निर्दोष छूट गया है तो उसे अतुल धन संपदा की प्राप्ति हो सकती है।

नवरात्र के दौरान सपनों में किसी तीर्थयात्रा पर जाना या किसी को स्वर्ण आभूषण देने का मतलब भी यही है कि आप भी देवों की कृपा होने वाली है।

नवरात्र के दौरान यदि अलसुबह ब्राह्मण, घोड़ा, हाथी, फल, अन्न, दूध, दही, गौ, सरसों, कमल, श्वेत वस्त्र, मोर, जलपूर्ण कलश, मिट्टी, कन्या, रत्न, पगड़ी, बैल, संतान सहित स्त्री, मछली, पालकी दिखाई दे तो ये कुछ अच्छा होने वाला है।

नवरात्र के दौरान यदि रात्रि को उल्लू के दर्शन हो जाएं तो इसका अर्थ है कि धन का नुकसान होने वाला है लेकिन प्रात:काल उल्लू की आवाज सुनना मंगलकारी माना गया है।

इस दौरान यदि किसी के आंगन में कोई भी पक्षी मरा हुआ मिले तो यह उस घर में पारिवारिक कलह का सूचक है।

नवरात्र के दौरान सपने में सफेद गाय का दिखना या घर के बाहर आना शुभ संकेत  माना गया है। नवरात्र के दौरान यदि सपने में कोई चेक लिख कर दे तो इसका मतलब आपको विरासत में धन मिल सकता है तथा व्यवसाय में भी वृद्धि हो सकती है।

इन दिनों में यदि किसी विशेष स्थान पर उल्लू नियमित रूप से आने लगे तो समझिए कि आसपास धन के योग बन रहे हैं या तो कोई गढा हुआ खजाना मिलने वाला है रुका हुआ पैसा।