सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है। धार्मिक मान्यताओ के अनुसार इस माह का संबंध शिव से जोड़ा गया है,इसलिए इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। सावन के पूरे महीने आने वाले सभी सोमवार का विशेष महत्व बताया जाता है। इस माह शिव की आराधना करने से जातक के कष्ट दूर होते हैं। इस बार सावन 17 जुलाई से शुरू हो रहे हैं। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिव जी पर जल चढ़ाने से लेकर रुद्राभिषेक आदि करने से लाभ होते हैं। मगर शास्त्रों के अनुसार हमें इस दौरान कुछ कामों को करने से बचना चाहिए, वरना जातक को मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। तो कौन-से हैं वो काम आइए जानते हैं………..
- सावन के महीने में भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन न करें। क्योंकि इन्हें तामसिक प्रवृति का माना जाता है। इससे व्रत का लाभ नहीं मिलेगा।
- सावन के महीने में बैंगनी या नीले रंग के कपड़े ना पहनें। ये रंग नकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं। साथ ही ये उग्र ग्रह को दर्शाते हैं।
- सावन के महीने में गन्ने का जूस और काली मिर्च खाने से भी बचें। क्योंकि शिव जी को ये चीजें पसंद नहीं है। इसके सेवन से कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं।
- शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में सरसों का तेल नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि ये शनि देव को चढ़ता है। इससे उग्र भावनाएं विकसित होती हैं। जबकि भोलेनाथ शांत प्रवृति के हैं।
- शिव जी पर भूलकर भी हल्दी ना लगाएं। क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। इससे मुसीबतें आ सकती हैं।
- सावन के माह में दाढ़ी न बनवाएं और न ही बाल या नाखून काटें। ये सभी कार्य नकारात्मकता को दर्शाते हैं।
- सावन में दिन में सोना नहीं चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि सावन के पूरे माह भोलेनाथ धरती पर विचरण करते रहते हैं। ऐसे में दिन में सोने से उनका अपमान होता है।
- सावन के महीने में गलती से भी कांवर यात्रियों का अपमान न करें। ऐसा करने से व्यक्ति को पाप लग सकता है। इससे उनके सारे काम बिगड़ सकते हैं।
- सावन के महीने में भूलकर भी गुस्सा न करें। ऐसा करने से भोलेनाथ अप्रसन्न हो सकते हैं। इससे व्रत का प्रभाव भी खत्म हो सकता है। बाधाएं आ सकती हैं।